जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार से एक और बड़ी खबर आ रही है। जानकारी मिल रही है कि नीतीश कुमार आज ही इस्तीफा दे सकते हैं, तो दूसरी तरफ तेजस्वी इस बार आर-पार के मुड में नजर आ रहे हैं।
माना जा रहा है कि नीतीश आज इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं।
जेडीयू ने अब पूरी तरह से मन बना लिया है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ जाना ही अच्छा रहेगा। नीतीश कुमार के अचानक से पाला बदलने को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें अपने राजनीति भविष्य की चिंता हो रही थी इस वजह से वो लालू से अब किनारा कर रहे हैं। उनके पलटने से राज्य में एक बार फिर बीजेपी और जेडीयू का मिलन होने जा रहा है।
बिहार में एकाएक तस्वीर बदलती हुई नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार एक बार पाला बदलने की तैयारी में है। बिहार में शुक्रवार का दिन काफी घमासान भरा रहा।
नीतीश कुमार ने अचानक से लालू यादव से दूरियां बना ली है। हालांकि नीतीश कुमार खुद सामने नहीं आये हैं और अभी तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन बीजेपी के तरफ से संकेत मिल चुका है कि नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं।हालांकि बीजेपी इस बार नीतीश कुमार के साथ कैसा तालमेल बैठना चाहती इसको लेकर वो गहन मंथन कर रही है। नीतीश कुमार के अलग होने की क्या है वजह से इसको लेकर अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है लेकिन मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि नीतीश को ये लगता है कि विपक्ष के साथ जाने में उनको कोई फायदा होने वाली नहीं है।
इस वजह से वो राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखकर कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। लालू के साथ उनका रिश्ता एक बार फिर खराब हो गया है। हालात तो इतने ज्यादा खराब हो गए है कि लालू यादव ने शुक्रवार के दिन पांच बार फोन किया लेकिन नीतीश कुमार ने उनका फोन नहीं उठाया है। इस बीच जानकारी मिल रही है लालू यादव ने अब मान लिया है कि नीतीश कुमार इस बार नहीं रुकने वाले हैं। उन्होंने अपने सहयोगी से आरजेडी चीफ ने सीपीआई के एक विधायक को कहा कि अब नीतीश कुमार नहीं रुकेंगे।
गौरतलब हो कि बिहार में कभी भी सीएम नीतीश पलटी मार सकते हैं और अगले कुछ घंटे में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का एलान कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश के इस कदम को इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका और बीजेपी के लिए फायदे का सौदा माना जा रहा है। अगर नीतीश कुमार अलग होते हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्ष गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच जाएगा और ऐसे हालात में मोदी को रोकना आसान नहीं होगा।