Tuesday - 29 October 2024 - 7:36 AM

नीतीश मंत्रिमंडल के जरिए RJD के खिलाफ मजबूत वोट बैंक बनाने की तैयारी में बीजेपी

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जनता को राजनीति से संन्‍यास का लेने के प्‍लान को बता चुके नीतीश कुमार आज सातवीं बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। राजभवन में इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है। महागठबंधन के मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मदीवार इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। वहीं गृहमंत्री अमित शाह के इस कार्यक्रम में पहुंचने की खबर है।

इस बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि नीतीश मंत्रिमंडल कैसा होगा। क्‍योंकि इस बार की स्थिति पहले से काफी अलग है। अब तक बिहार में छोटे भाई की भूमिका में रही बीजेपी अब बड़े भाई की भूमिका में आ चुकी है। 74 सीटों वाली बीजेपी नीतीश को मुख्‍यमंत्री के तौर पर स्‍वीकार कर ली है लेकिन मंत्रिमंडल में अपनी पकड़ बनाना चाहेगी।

दूसरी ओर राजनीति छोड़ने का मन बना चुके नीतीश के बाद कौन उनकी जगह लेगा इस बात पर कई कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने नीतीश के उत्‍तराधिकारी को खोजना शुरू कर दिया है। दरअसल, बिहार में करीब पिछले डेढ़ दशक से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भले ही सत्ता से बाहर है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य का मजबूत और बड़ा वोट बैंक अभी भी इस पार्टी के साथ जुड़ा है।

बीजेपी ये भली-भांति समझती है कि अगर बिहार में लंबे समय तक राजनीति में टिकना है तो आरजेडी के समांतर वोटबैंक तैयार करना होगा। इसी कड़ी में वैश्य समाज से आने वाले ताराकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, संजय जायसवाल को पद देने का फैसला लिया गया है।

बिहार में बीजेपी एक नई जातिय समीकरण बनाने की तैयारी में जुटी है। कई गैर राजनीतिक संगठन मिलकर वैश्य समाज का एक मजबूत वोट बैंक एकजुट करने में जुटे हैं। वैश्य समाज के नामपर करीब 28 जाति और उपजाति के लोगों को लामबंद करने की तैयारी चल रही है। खास बात यह है कि इसमें अनुसूचित कैटेगरी में गिने जाने वाले बुनकर जाति के साथ उच्च जाति में गिने जाने वाले मारवाड़ी समाज के लोगों को भी वैश्य समाज में गिना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक तो एनडीए की नई सरकार का पहला शपथ ग्रहण समारोह फिलहाल छोटे स्वरूप में होगा। सीएम समेत 14 मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद निकट भविष्य में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से BJP को सबसे अधिक 20-21 जबकि JDU को सीएम समेत 13-14 मंत्री मिलेंगे।

सूत्रों के मुताबिक बिहार की नई सरकार के इस पहले शपथ ग्रहण समारोह में जो नेता शपथ लेंगे उनमें 6 जेडीयू, 6 बीजेपी और एक-एक हम और वीआईपी से होंगे। राजनीतिक गलियारे में चल रहे कयासों को मानें तो सीएम नीतीश समेत 14 नेताओं के शपथ की भी चर्चा तेज हो गई है।

कल से ही ये चर्चा भी तेज है कि तारकिशोर प्रसाद सुशील कुमार मोदी को रीप्लेस कर नए उप मुख्यमंत्री  बनने जा रहे हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान तारकिशोर प्रसाद से जब पूछा गया कि क्या वो डिप्टी सीएम बनने जा रहे हैं तो उनका जवाब था कि ‘लगता तो है’। जाहिर है कि इस ‘लगता तो है’ से उन्होंने एक तरह से संकेत दिया है।

हालांकि, मंत्रिमंडल के स्वरूप और सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर मुख्यमंत्री आवास में शाम साढ़े 6 बजे से लेकर देर रात तक मंथन का दौर जारी रहा। इस मंथन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस, भूपेन्द्र यादव, संजय जायसवाल, नागेन्द्र जी, तारकिशोर प्रसाद जबकि JDU नेता विजय कुमार चौधरी और आरसीपी सिंह भी मौजूद थे।

जानकारी के अनुसार जेडीयू से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि बिजेन्द्र प्रसाद यादव मंत्री, वीआईपी से मुकेश सहनी जबकि हम प्रमुख जीतन राम मांझी के पुत्र एमएलसी डॉ. संतोष सुमन मंत्री पद की शपथ लेंगे।

वहीं, बीजेपी से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी का शपथ लेना तय माना जा रहा है। अगर अधिक की संख्या पर मुहर लगी तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, जेडीयू के श्रवण कुमार, नरेन्द्र नारायण यादव, महेश्वर हजारी, मेवालाल चौधरी, शीला देवी, अशोक चौधरी भी शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा एक-दो नाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।

 

 

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