जुबिली न्यूज डेस्क
बीजेपी शासित गुजरात में नया मुख्यमंत्री चुने जाने के कुछ घंटों बाद ही एक बार फिर इस पद से वंचित रहने वाले डिप्टी सीएम नितिन पटेल का दर्द छलक आया।
नितिन पटेल ने कहा कि उन्होंने राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों के दिलों में रहते हैं और कोई भी उन्हें वहां से नहीं निकाल सकता।
रविवार को पटेल ने शाम को मेहसाणा शहर में एक समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी कहा कि वह अकेले नहीं हैं, जिनकी बस छूट गई। उनके जैसे “कई अन्य” हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। रविवार को गांधीनगर में बीजेपी मुख्यालय ‘कमलमÓ में पार्टी विधायकों की बैठक हुई, जिसमें भूपेंद्र पटेल को अगला मुख्यमंत्री चुना गया।
इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि डिप्टी सीएम नितिन पटेल इससे नाखुश हैं। विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद नितिन पटेल को सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था।
हालांकि डिप्टी सीएम पटेल ने कहा कि इन दावों में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि वह रविवार को बीजेपी के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव की अनुमित लेने के बाद ही पार्टी कार्यालय से निकले थे।
दरअसल भूपेंद्र पटेल जब रूपाणी के साथ सरकार गठन का दावा करने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने गए तो डिप्टी सीएम पटेल उनके साथ नहीं थे।
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नितिन पटेल ने कहा, “कई अन्य लोग भी हैं, जिनकी बस छूट गई। मैं अकेला नहीं हूं। इसलिए इस घटनाक्रम को उस नजर से न देखें। पार्टी निर्णय लेती है। लोग गलत कयास लगाते हैं। मैंने (विधायकों की बैठक के बाद) यादवजी से कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होना है। यदि यह महत्वपूर्ण न होता तो मैं उद्घाटन करने न आता। लेकिन चूंकि यह बहुत महत्वपूर्ण था, इसलिये यादव जी ने भी अनुमति दे दी।”
पटेल मेहसाणा में एक सड़क और सिविल अस्पताल में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
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पटेल ने कहा, “जब मैं यहां आ रहा था तो न्यूज चैनलों पर बहुत सी चीजें चल रही थीं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब तक मैं अपने लोगों, मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के दिलों में हूं, कोई मुझे बाहर नहीं निकाल सकता। मैं अतीत में काफी समय तक (कांग्रेस शासन में) विपक्ष में था।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अटकलों से परेशान नहीं हूं। भूपेंद्र भाई हमारे अपने हैं। उन्होंने मुझे एक विधायक के रूप में अपने कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। वह मेरे दोस्त हैं। मुझे परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं या सोचते हैं। लेकिन, मैं खतरे में नहीं हूं। क्यों? आपकी वजह से। मेरा अस्तित्व आपके लिए है।”
पटेल ने कहा कि उन्हें उनकी उस हालिया टिप्पणी के लिए भी “कई धमकियां” मिलीं कि संविधान और धर्मनिरपेक्षता तब तक चलेगी जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं। वैसे, उन्होंने यह भी दावा किया कि कई “बड़े नेताओं” ने उन टिप्पणियों के लिए उनका समर्थन किया।