जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों चर्चा में बने हुए है। बीजेपी की संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से साइडलाइन किया जा चुका है। जिसके बाद से ही वह काफी चर्चा में है। इसी बीच गडकरी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि इस वीडियो में नितिन गडकरी कह रहे हैं कि मंत्री पद गया तो गया कोई चिंता नहीं…।
बता दे कि इ वीडियो के आने के बाद अब गडकरी ने पूरा वीडियो शेयर कर हकीकत बताई है। साथ ही मीडिया और विपक्षी दलों के नेताओं को लताड़ लगाते हुए कहा कि उनका आधा-अधूरा बयान चलाया। गडकरी के वायरल वीडियो को आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने भी साझा किया था।नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, ‘आज एक बार फिर मुख्यधारा की मीडिया, सोशल मीडिया के कुछ वर्ग और विशेष रूप से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करके नापाक और मनगढ़त अभियान जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है।’
गडकरी ने दी ये चेतावनी
गडकरी ने आगे लिखा,’हालांकि मैं फ्रिंज एलिमेंट के इस तरह के दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से कभी परेशान नहीं हुआ हूं लेकिन फिर भी सभी संबंधितों को चेतावनी देता हूं कि मैं अपनी सरकार, पार्टी और हमारे लाखों मेहनती कार्यकर्ताओं के व्यापक हित में उन्हें कानून के दायरे में ले जाने से नहीं हिचकचाऊंगा।’इसी के साथ गडकरी ने पूरा वीडियो भी साझा किया है। दरअसल पिछले दिनों नितिन गडकरी डॉ. दनयनेश्वर एम मुलय की किताब नौकरस्याही के रंग की लॉन्चिंग में गए थे। इसी कार्यक्रम के दौरान उनके संबोधन की एक छोटी सी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
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इस वीडियो में गडकरी ने सुनाया ये किस्सा
असल में गडकरी वीडियो में उस वक्त का किस्सा सुना रहे हैं जब वह महाराष्ट्र के मंत्री हुआ करते थे। वह वीडियो में कहते हैं, ‘महात्मा गांधी ने कहा था कि कानून तोड़ने में गरीब और शोषित वर्ग का हित है वह गलत नहीं है लेकिन अगर किसी स्वार्थ के लिए कानून तोड़ा गया तो वह गलत होगा।’ गडकरी आगे किस्सा सुनाते हुए कहते हैं,’मैं तब महाराष्ट्र में मंत्री था और अमरावती जिले में मेलघाट तहसील थी। वहां ढाई हजार बच्चे कुपोषण से मर गए। यह 96-97 की बात है। हमारे मुख्यमंत्री मनोहर जोशी कहते थे कि नितिन यह कैसी स्थिति है, ये मेलघाट में साढ़े चार सौ गांव हैं और एक भी गांव में रास्ता नहीं है।’
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