जुबिली न्यूज डेस्क
लोकसभा सांसद चिराग पासवान के बाद अब पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से सरकारी बंगला खाली कराए जाने की तैयारी हो रही है।
जिस बंगले में निशंक रह रहे हैं उसे पिछले पिछले साल कैबिनेट विस्तार के दौरान केंद्रीय उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आवंटित किया गया था।
नियमों के मुताबिक, मंत्री पद से हटने के एक महीने के भीतर निशंक को बंगला छोड़ देना चाहिए था। निशंक ने पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
संपदा निदेशालय से जुड़े एक सूत्रों के अनुसार सोमवार से बंगला खाली होना शुरू हो जाएगा। अब पोखरियाल मंत्री नहीं है इसीलिए अब उन्हें टाइप VIII बंगला नहीं दिया जा सकता है।
इस बंगले से है सिंधिया का खास जुड़ाव
दिल्ली के लुटियंन जोन में स्थित 27 सफ़दरजंग रोड, बंगले से सिंधिया परिवार का खास नाता रहा है। लंबे समय तक यह बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के पिता के पास था। जब वह केंद्र सरकार में मंत्री थे तब यह बंगला कांग्रेस सरकार द्वारा उन्हें दिया गया था।
2019 तक सिंधिया इसी बंगले में थे लेकिन लोकसभा चुनाव हराने के बाद सरकार ने उनसे यह बंगला खाली करा लिया गया ।
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जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए और केंद्र में मंत्री पद संभाला तो केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें तीन बंगलों में से एक बंगला चुनने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार से 27 सफदरगंज रोड बंगला आवंटित करने के लिए मांग की, लेकिन उस समय पूर्व शिक्षा मंत्री पोखरियाल इस बंगले में रहते थे। इस वजह से सिंधिया ने दिल्ली स्थित अपने निजी आवास आनंद लोक में रहने का फैसला किया।
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संपदा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रमेश पोखरियाल पिछले कुछ सालों में 27 सफदर जंग में रह रहे हैं, लेकिन अब वह केंद्र में मंत्री नहीं है। लिहाजा अब वह इस घर में नहीं रह सकते हैं। उन्हें नया घर 2, तुगलक लेन पर आवंटित किया गया है। सोमवार को एक टीम बंगला खाली कराने भेजी जाएगी।
सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि पोखरियाल को कई बार विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन अब तक उन्होंने यह बंगला खाली नहीं किया। बंगले में बने रहने के लिए उनकी तरफ पत्र भी लिखा गया लेकिन उन्हें इजाजात नहीं दी गई।