पॉलिटिकल डेस्क
लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महागठबंधन में बड़ी सेंधमारी करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर उपचुनाव जीतने वाले प्रवीण निषाद को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। साथ ही निषाद पार्टी का बीजेपी में विलय कर लिया है।
प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री और पार्टी नेता जेपी नड्डा ने कहा कि निषाद पार्टी ने पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर बीजेपी से गठबंधन किया है। प्रवीण निषाद का पार्टी में स्वागत करता हूं।
मौसेराें की नैया डूबना तय
वहीं, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रवीण निषाद पर तंज कसते हुए कहा कि गोरखपुर में सांसद जी को मठाधीशी का जो झोला भर प्रसाद मिला है, क्या उसे वो पूरा गटक जाएंगे या किसी से बाँटेंगे भी।
योगी आदित्यनाथ का गढ़
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में निषाद पार्टी का अच्छा जनाधार है। यहां से उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ सांसद हुआ करते थे। इसके बाद खुद योगी आदित्यनाथ यहां से 1998 से लगातार सांसद चुने जाते रहे।
बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को हराया
गौरतलब है कि 2017 में सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पिछले साल यहां पर हुए उपचुनाव में सपा के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने इतिहास रचते हुए जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को हराया था।
बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं प्रवीण
प्रवीण निषाद के बीजेपी के करीब जाने की खबरों के बाद सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए गोरखपुर से उनका टिकट काट दिया था। प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने से साफ है कि वह अब गोरखपुर से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं, सपा ने गोरखपुर से रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा है।
निषाद वोटर्स हैं जीत कुंजी
गोरखपुर में 3.5 लाख मतदाता निषाद जाति के हैं। इन्हीं निषाद वोटर्स ने पिछले साल हुए उपचुनाव में प्रवीण निषाद की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उपचुनाव में सपा और बसपा ने साझा उम्मीदवार खड़ा किया था। इसी गोलबंदी को तोड़ने के लिए योगी ने निषाद पार्टी का विलय बीजेपी कराया है।