न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को दूसरी बार संसद में देश का आम बजट पेश करेंगी। इस दौरान सभी की नजरें उनके दस्तावेज पर होंगी। कि क्या इस बार भी वह पिछली बार की तरह बही-खाता लेकर आएंगी या फिर से ब्रीफकेस में बजट को प्रस्तुत करेंगी।
बता दें कि पिछली बार केंद्र में दूसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया था।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में दशकों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह उनके हाथ में रेड ब्रीफकेस की जगह एक मखमली लाल कपड़ा था, जिसमें बजट की कॉपी बंद थी। लाल कपड़े में भारत का राष्ट्र चिन्ह बना हुआ था और इसे लाल-पीले रिबन से बांधा गया था।
वित्त मंत्री ने पिछले साल लाल कपड़े में लिपटे बजट को बही-खाता का नाम दिया था। पिछले साल बजट के बाद सीतारमण ने बताया कि ब्रीफकेस वाली परंपरा उन्होंने क्यों तोड़ी। उन्होंने कहा कि ब्रीफेक्स में बजट की कॉपियां लेकर अरसे से वित्त मंत्री संसद पहुंच रहे थे।
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लेकिन भारतीय परंपरा का ब्रीफेक्स से कोई गहरा नाता नहीं है, इसलिए इस बार पारंपारिक लाल कपड़े में लपेटकर वो बजट की कॉपियां लेकर संसद पहुंचीं थीं। उन्होंने कहा था कि बही-खाता और भारतीय परंपरा एक-दूसरे से बेहद नजदीक है।
वित्त मंत्री ने कहा था कि उन्हें बही-खाता का उच्चारण करने में कठिनाई होती है। क्योंकि यह शुद्ध हिन्दी के शब्द हैं। उन्होंने कहा, मैं आज भी बही-खाता का सही से उच्चारण नहीं कर पा रही हूं, और ना ही इसका सही अर्थ पता है।’
कार्यक्रम के दौरान भी निर्मला सीतारमण बही-खाता का उच्चारण करने में अटक गईं, जिसके बाद वो खुद हंस पड़ीं और कार्यक्रम में मौजूद लोग भी हंसने लगे।
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उन्होंने कहा था कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं चमड़े के ब्रीफकेस को हमने इसलिए बदल दिया कि उससे मुझे नकारात्मक संकेत मिल रहा था। बही-खाता से स्थिरता का संदेश जाता है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस दौरान उन्होंने 2020-21 में अर्थव्यवस्था 6-6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है। बता दें कि शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारण दूसरी बार देश का आम बजट पेश करेंगी।
इस दौरान जनता की नजरें संसद की ओर होंगी कि वित्त मंत्री के पिटारे से आम जनता के लिए क्या-क्या घोषणा की जाती है। बता दें कि इंदिरा गांधी के बाद निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं।
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