जुबिली न्यूज डेस्क
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022 के आम बजट (Budget 2021) में पुरानी गाड़ियों के लिए एक वॉलन्टरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी के तहत पर्सनल व्हीकल्स को 20 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा। जबकि, कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा। पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड सेंटर्स में होगा।
रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री इस पॉलिसी के फाइनल डीटेल्स की घोषणा करेगी। व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से करीब 43,000 करोड़ रुपये की बिजनेस ऑर्प्च्यूनिटीज बनने की उम्मीद है। साथ ही, इससे ऑटो इंडस्ट्री में कंज्म्प्शन बढ़ेगा और यह पर्यावरण के लिए भी फायदे वाली होगी। स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा के बाद ऑटो स्टॉक्स में तेजी आई है।
सीतारमण ने अपने यूनियन बजट 2021 प्रेजेंटेशन में व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसीज के डीटेल्स को हाइलाइट किया। उन्होंने कहा, ‘पुराने और अनफिट व्हीकल्स को हटाने के लिए हम अलग से वॉलन्टरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी अनाउंस कर रहे हैं। यह फ्यूल-इफीशिएंट और एनवायरमेंट-फ्रेंडली व्हीकल्स को प्रोत्साहित करेगी। इससे गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण और ऑयल इंपोर्ट बिल घटेगा।’
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रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा था कि व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद भारत ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के लिए बड़े हब के रूप में उभर सकता है, क्योंकि स्क्रैपिंग से मिलने वाले स्टील, एल्युमीनियम और प्लास्टिक जैसे प्रमुख रॉ मैटीरियल्स को रिसाइकल किया जा सकेगा। इससे ऑटोमोबाइल प्राइसेज में 20-30 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
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केंद्र सरकार ने 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग को इजाजत देने के लिए 26 जुलाई 2019 को मोटर व्हीकल नॉर्म्स में संशोधन का प्रस्ताव दिया था। इसका मकसद इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की पहुंच का दायरा बढ़ाना है। इससे पहले, मई 2016 में सरकार वॉलन्टरी व्हीकल फ्लीट मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (V-VMP) ड्राफ्ट लेकर आई थी, जिसमें 2.8 करोड़ पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने का प्रस्ताव था।