स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों को आखिर कब होगी फांसी, इसको लेकर लगातार चर्चा देखने को मिल रही है। दरअसल फांसी से बचने के लिए दोषियों ने कई तरह की कानूनी मदद लेने की कोशिश की है लेकिन निर्भया गैंगरेप केस में हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल केंद्र्र की अर्जी खारिज कर दी है।’
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हाईकोर्ट ने इसके साथ साफ कर दिया है और कहा है कि दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दे सकती है और एक साथ फांसी देनी होगी। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषियों ने फांसी टालने की हरसंभव कोशिश की।
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वहीं हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें फांसी पर रोक लगा दी गई थी। उधर निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के एक दोषी अक्षय ठाकुर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तगड़ा झटका दिया है और दया याचिका खारिज कर दी है। राम नाथ कोविंद अब तक 4 दोषियों में से 3 की दया याचिका ठुकरा चुके हैं।’
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बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था, जिसमें 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया।
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अब तक दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी।’
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गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था और उसे सडक़ पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को पीड़िता ने दम तोड़ दिया था। इस मामले को 7 साल हो गए हैं लेकिन निर्भया को अभी इंसाफ नहीं मिला है।