न्यूज डेस्क
बीजेपी के स्टार प्रचारक निभास सरकार ने गुरुवार दोपहर को नादिया जिले के रानाघाट में आत्महत्या कर ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करने के दौरान भगवान हनुमान के रूप में उनकी तस्वीरें सामने आई थीं। निभास सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और जात्रा आर्टिस्ट भी थे।
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान ट्विटर पर रानाघाट में बीजेपी का प्रचार करते निभास की फोटो डाली थी, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर खासे लोकप्रिय हो गए थे। बागुला के मंडल सभापति तपस घोष को निभास सरकार के भाई के जरिये उनकी मौत का पता चला।
तपस घोष बताते हैं, ‘गुरुवार दोपहर को निभास घर पर बाथरूम गए थे। इसके कुछ मिनट बाद वह हाथ में एक शीशी लेकर निकले और अपने भाई प्रलब से कहा कि उन्होंने जहर खा लिया है। क्योंकि वह अपने जीवन से दुखी हो गए हैं।’
इसके बाद उन्हें कृष्णानगर स्थित अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घोष के अनुसार यह पारिवारिक मामला है। निभास के बेटे उदयपुर में डॉक्टर हैं।
गौरतलब है कि निभास सरकार पश्चिम बंगाल के रानाघाट के रहने वाले थे, लेकिन अपने परिवार के साथ राजस्थान के उदयपुर में शिफ्ट हो गए थे। निभास के सुसाइड कर लेने के बाद सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा होने लगी कि उन्होंने एनआरसी के मामले पर सुसाइड किया है।
ये हनुमान याद हैं .भाजपा के भक्त थे निभास सरकार .इस रूप में पार्टी का बंगाल में प्रचार किया .पर उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली .जानकारों के मुताबिक एनआरसी को लेकर तनाव में थे .हालांकि सरकार अब मीडिया को साध खंडन मंडान के खेल में लग गई है .खैर अगर आप भी इस स्तर के भगत हों तो सावधान रहें pic.twitter.com/sCQhrL4KzW
— ambrish kumar (@ambrish200kumar) October 5, 2019
हालांंकि, उनके भाई प्रलब ने साफ कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। बताते चले कि निभास सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान रानाघाट में बीजेपी के मौजूदा सांसद जगन्नाथ सरकार के लिए चुनाव प्रचार किया था। निभास की मौत पर जगन्नाथ सरकार ने शोक प्रकट किया है और उन्हें बड़ा बीजेपी समर्थक बताया।
उन्होंने कहा कि हम दोनों एक-दूसरे को काफी अच्छे से जानते थे। उन्होंने मेरे लिए भगवान हनुमान बनकर चुनाव प्रचार किया था। यह सिर्फ एक अफवाह है कि उन्होंने एनआरसी मामले में सुसाइड किया है।