जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में आउटर रिंग रोड कुर्सी रोड से गोसाईगंज सुल्तानपुर रोड के बीच अगले साल काम पूरा हो जाएगा। जिसके बाद 104 किमी के दायरे में एक नया लखनऊ बसेगा।
मास्टर प्लान-2031 में आउटर रिंग रोड के चारों ओर अधिकांश लैंडयूज तय किये जा चुके हैं। प्राधिकरण सीमा में आने वाले 104 किमी क्षेत्र में नई योजनाएं विकसित करेगा।
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लखनऊ में बनने वाली आउटर रिंगरोड पूरे लखनऊ के साथ- साथ आस- पास के क्षेत्रों को भी कवर करेगी। ये रोड बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी। इसमें न केवल एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे।
आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवा, नवाबगंज तहसील समेत 43 गांव शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
आउटर रिंग रोड की शुरुआत बख्शी का तालाब के आगे डिगोई गांव से की गई जहां से होते हुए ये कुर्सी रोड के पास, गांव बेहटा के साथ बाराबंकी के निंदूरा के गांवों को छूते हुए देवा क्षेत्र को जोड़ रहा है।
गांव जबरीखुर्द, कटालीपुरवा, गोसाईंगपुरवा, सरसौंधी, मुरादाबाद, मुजफ्फरमऊ और डुमरीपुरवा गांव को भी छू रहा है। यहां तक बाराबंकी के बाद आउटर रिंग रोड दोबारा लखनऊ सीमा में प्रवेश करेगा।
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इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड निकलेगा। सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से यह रोड गुजरते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से गुजरेगा। आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी। यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा।
मोहान रोड का गांव फतेहगंज आउटर रिंग रोड का हिस्सा होगा। यहां से आइआइएम रोड के पीछे से होते हुए चंद्रिका माता मंदिर के पास से आउटर रिंग रोड वापस बख्शी का तालाब पहुंचेगा।
इस विकास में 19 किमी का शहीद पथ मॉडल होगा। शहीद पथ के शुरू होने के 10 साल में यहां पूरी तरह से विकास हो चुका है। कुछ इसी तर्ज पर आउटर रिंग रोड के दोनों ओर भी नियोजित विकास की तैयारी है।