जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए चिह्नित किए जाने वाले कंटेनमेंट जोन में पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। जोन में आने वाले प्रत्येक मकान की सर्विलांस टीम के माध्यम से सघन निगरानी कराने को कहा गया है।
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सोमवार को इस संबंध में विस्तृत दिशा- निर्देश जारी किया। ये दिशा- निर्देश एक दिसंबर से अगले आदेशों तक लागू रहेंगे। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के लिए जरूरत पड़ने पर वे सीआरपीसी की धारा 114 का इस्तेमाल करें।
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पिछली गाइडलाइन के मुकाबले इस गाइडलाइन में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। शादी, ब्याह जैसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए जो सीमा तय की गई थी, उसे फिलहाल बरकरार रखा गया है। यानी हाल में क्षमता का 50 फीसद और अधिकतम 100 लोगों को ही शामिल किया जाएगा।
खुले मैदान या लॉन में क्षमता का 40% ही लोगों को एक समय में शामिल होने की अनुमति होगी। मसलन किसी खुले लॉन की कुल क्षमता दो हज़ार है तो वहां 800 लोग एकत्र हो सकते हैं।
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को इससे संबंधित निर्देश अधिकारियों को दिए थे। उन्होंने कहा था कि कहीं से भी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार की खबर आई तो संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार का लॉकडाउन लगाने नहीं लगाया जाएगा। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए परिस्थितियों का आलकन करते हुए स्थानीय प्रतिबंध के तौर पर केवल रात्रि कर्फ्यू लगाया जा सकता है।
ऐसे शहरों में जहां कोरोना पॉजिटिविटी दर 10% से अधिक है, वहां कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एक ही समय पर उपस्थित कर्मचारियों की संख्या को कम रखने के लिए उद्देश्य से कर्मचारियों के कार्यालय आने के अलग- अलग समय का निर्धारण किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि कोरोना के लिए संवेदनशील एवं उच्च संभावना वाले क्षेत्रों में वायरस की श्रृंखला को समाप्त करने एवं इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कंटेनमेंट जोन का प्रभावी ढंग से चिह्नांकन किया जाना सबसे महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन द्वारा माइक्रो लेबल पर कंटेनमेंट जोन का सावधानीपूर्वक निर्धारण किया जाए।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि कंटेनमेंट जोन की सूची राज्य की वेबसाइट पर प्रसारित की जाए अैर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भी उपलब्ध कराई जाए। कंटेनमेंट जोन में केवल अति आवश्यक गतिविधियां को ही अनुमति दी जाएगी।
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