Thursday - 31 October 2024 - 4:13 AM

मध्य प्रदेश में नई फिल्म पर्यटन नीति- 2020 लागू, जानें क्या होंगे फायदे

न्यूज़ डेस्क

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म पर्यटन नीति- 2020 मंजूर करते हुए इसमें फिल्म जगत के लिए कई तोहफे दिऐ हैं। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण बनाना एवं निजी निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल है।

इसके अलावा राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार सृजन, फीचर फिल्म, टीवी सीरियल/ शो/वेब ‍सीरीज/शो/डाक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिये वित्तीय अनुदान के माध्यम से मध्यप्रदेश में शूटिंग को प्रोत्साहन शामिल है।

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राज्य सरकार का मानना है कि फिल्मों की शूटिंग बढ़ने से राज्य के पर्यटक स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

नई नीति लागू कर मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं की पसंद बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नीति में फिल्मों के लिए प्रदेश को ‘सेंट्रल हब’ बनाने के प्रयास भी किए गए हैं।

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इस नीति के तहत मध्यप्रदेश के स्थानों के प्रचार-प्रसार के लिये अधिक स्क्रीन टाइम के लिये विशेष अनुदान, अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिये विशेष वित्तीय प्रोत्साहन, स्थायी प्रकृति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वित्तीय प्रोत्साहन/अनुदान/ भूमि आवंटन, फिल्म निर्माताओं के लिये समय सीमा में अनुमति की सुविधा और सहायता देना एवं रियायती दरों पर एमपीएसटीडीसी की ईकाइयों में सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अतिरिक्त फिल्म नीति क्रियान्वयन के लिये विशेष समर्पित फिल्म फेसिलिटेशन सेल का निर्माण, सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से फिल्मांकन अनुमति के लिये संबंधित विभागों से आवश्यक समन्वय स्थापित करना, फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केन्द्र आदि के लिये राज्य में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहन, फिल्म से संबंधित विभिन्न आयोजनों में सहभागिता से लेकर प्रदेश का प्रचार-प्रसार करना भी शामिल है।

फिल्म पर्यटन नीति के लिये सूचना- प्रसार के एक मंच के रूप में कार्य करेगा। सूत्रों के अनुसार फिल्म पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी भी भाषा में फिल्म निर्माण के लिये प्रदेश में फिल्मों के अधिक से अधिक फिल्मांकन पर अनुदान के पात्रता मापदंड निर्धारित किये गए हैं।

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50 फीसदी शूटिंग होने पर एक करोड़ का अनुदान

किसी भी भाषा में फिल्म निर्माण के लिए प्रदेश में फिल्मों की ज्यादा से ज्यादा शूटिंग पर अनुदान देने का प्रबंध भी किया गया है। किसी निर्देशक की पहली और दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए अनुदान एक करोड़ रुपए तक अथवा फिल्म की कुल लागत का 25% तक दिया जाएगा।

इसमें शर्त ये होगी कि फिल्म के पूरी शूटिंग में कम से कम 50% शूटिंग मध्यप्रदेश में होना जरूरी होगा। तीसरी और आगे की फिल्मों के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपए तक या फिल्मों की लागत का 75% अनुदान दिया जाएगा। इसमें भी फिल्म के संपूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50% शूटिंग होना जरूरी है।

फिल्म सुविधा सेल का गठन

मध्यप्रदेश में एक समर्पित फिल्म सुविधा सेल का गठन किया गया है। राज्य टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक की अध्यक्षता में यह सेल फिल्म पर्यटन विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। यह सेल फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन, प्रक्रिया निर्धारण, आवेदनों के निराकरण संबंधी समन्वय करेगा तथा फिल्म उद्योग की अद्यतन प्रवृत्तियों के अनुसार नीति प्रस्ताव तैयार करेगी।

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फिल्मों, धारावाहिकों और वेब सीरिज की शूटिंग करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए वन-प्वाइंट एंट्रेस सिस्टम और समयबद्ध अनुमति तंत्र के लिए ऑनलाइन फिल्म वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है।

फिल्म निर्माताओं को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए निर्माता- निर्देशकों को पत्र लिखा है। इनमें सुभाष घई, महेश मांजरेकर, अनुराग बसु, अजय देवगन, अब्बास मस्तान, आमिर खान, संजय लीला भंसाली, डेविड धवन, करण जौहर, आशुतोष गोवारिकर, आदित्य चोपड़ा, सतीश कौशिक और अनीस बज्मी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

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नई फिल्म पर्यटन नीति की खास बातें

  • मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण निवेश को प्रोत्साहित करना।
  • राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
  • फीचर फिल्म, टीवी सीरियल/ शो/वेब सीरीज/शो/डाक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए वित्तीय अनुदान।
  • अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए विशेष वित्तीय प्रोत्साहन।
  • स्थायी प्रकृति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वित्तीय प्रोत्साहन/अनुदान/ भूमि आवंटन।
  • सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से फिल्मांकन अनुमति के लिये संबंधित विभागों से आवश्यक समन्वय स्थापित करना।
  • आधारभूत ढांचे और सेवाओं जैसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टरों, संपत्तियों आदि को फिल्म निर्माताओं को प्रक्रिया के अनुसार उपलब्ध कराना।
  • सिंगल स्क्रीन सिनेमा, बंद सिनेमा घरों के पुनरूद्वार को बढ़ावा देना।
  • मौजूदा सिनेमा हॉल को अपग्रेड करना तथा मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करना/वित्तीय अनुदान।
  • फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन सेंटर, वीएफएक्स सेंटर, स्किल डेव्लपमेंट सेंटर, फिल्म एंड ट्रेनिंग इंस्टीटयूट बनाने के लिए भूमि का आवंटन होगा।
  • फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इण्डिया (एफटीआईआई) पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ कोलकाता, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली और अन्य समकक्ष प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।

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