संजय सनातन
लखनऊ। हिन्दुस्तान की सत्रहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जहां कुछ युवा महिला सांसदों ने अपनी धमक दर्ज करायी, वहीं पूर्वांचल के बाहुबली जनपद प्रतापगढ़ में एक नया इतिहास दोहराया गया है। इसमें अहम भूमिका निभायी है उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी सांसद डा. संघमित्रा मौर्य ने। उन्होंने अपने संघर्षों और पिता स्वामी प्रसाद की विरासत को आगे बढ़ाते हुए जिले के इतिहास में आजादी के बाद यह पहली बार कर दिखाय है कि एक ही घर में बेटी सांसद और पिता विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हो। हालाकि यह डा. संघमित्रा को इस बड़ी उपलब्धि पर तनिक भी गर्व नहीं हैं। उनका कहना है कि हर नयी पीढ़ी को अपने माता-पिता का नाम रौशन कर इतिहास बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
पूर्व सीएम अखिलेश के अति करीबी धर्मेन्द्र को हराना आसान नहीं थाः डाँ.संघ मित्रा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बहुत ही करीबी धर्मेन्द्र यादव को बदायूं से हराना आसान ही नहीं बहुत कठिन था। यह कहना है सांसद डाँ, संघ मित्रा मौर्य का। उन्होंने कहा कि बहुत ही संघर्ष करना पड़ा। पर हम लोग ऐसे आदर्श पिता की संतान हैं कि उन्होंने हर कठिन से कठिन डगर को आसान करना सिखाया है। इसी के बल पर बदायूं से जंग जीती गयी। भारतीय जनता पार्टी के रास्ते से ही अखिलेश परिवार को मात दी जा सकती थी। मैं जीत गयी पर जब तक मंजिल नहीं मिलती मै पीछे भी हटने वाली नहीं थी।
रजवाड़ों के जिले प्रतापगढ़ में किसी के घर में बेटी सांसद, पिता विधायक नहीं हुआ
प्रतापगढ़ जनपद का इतिहास बहुत बड़ा है। आजादी से लेकर आजादी के बाद तक बहुत उतार-चढ़ाव हुए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, वीपी सिंह, चन्द्रशेखर समेत कई अन्य बड़े नेताओं ने जनपद की खूब खाक छानी है। कालाकांकर राजघराने में राजा दिनेश सिंह विदेश मंत्री तक रहे। लेकिन उनके यहां भी ऐसा नहीं हुआ कि सांसद और विधायक एक ही परिवार में कोई हुआ हो। इसी तरह जनपद के राजा प्रतापगढ़ सिटी किले के राजा अजीत प्रताप सिंह, पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय, रामनरेश शुक्ल समेत कई राजनैतिक घरानों में भी कोई यह रिकार्ड नहीं बना पाया।
प्रमोद तिवारी राज्यसभा सांसद और बेटी आराधना विधायक बन कर बनाया था इतिहास
राजनीति में सबसे अहम और लम्बी, असरदार पारी खेलने वाले राजनैतिक पंडित प्रतापगढ़ जनपद की रामपुखास के विधायक रहे कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने वर्ष 2014 में राज्यसभा में निर्विरोध गये। इसके बाद उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना ने वर्ष 2014 के उपचुनाव में पिता की सीट रामपुरखास से विधाय़क का चुनाव जीतकर रिकार्ड बनाया। प्रमोद तिवारी राज्यसभा सदस्य तो बेटी आराधना मिश्रा विधायक एक ही घर बनकर इतिहास बनाया। पर जनपद के एक ही घर में बेटी सांसद और पिता विधायक हो ऐसा नहीं हुआ। जैसा कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के यहां वर्ष 2019 में हुआ। इस पर जनपद के लोग बहुत ही गर्व महसूस कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह की विधानसभा के चकवड़ गांव के रहने वाले हैं मंत्री स्वामी प्रसाद
पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के विधानसभा क्षेत्र कुंडा के चकवड़ गांव के रहने वाले है बदायूं से भारतीय जनता पार्टी से चुनी गयीं सांसद डाँ. संघ मित्रा मौर्य के पिता एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य। बहुजन समाज पार्टी में बहुत ही अहम रहे स्वामी प्रसाद हमेशा जनपद प्रतापगढ़ को लेकर सक्रिय रहते थे। उन्होंने जनपद में विकास के लिए बहुत ही काफी प्रयास किया। उनके भतीजी प्रमोद मौर्य जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
पर अभी तक कैबिनेट मंत्री स्वामी मौर्य प्रतापगढ़ से कभी भी नहीं लड़े कोई चुनाव
बहुजन समाज पार्टी की सरकार से लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का भले ही जलवा बरकरार हो पर वे कभी भी कोई चुनाव प्रतापगढ़ जनपद से नहीं लड़े। वह पहले प्रतापगढ़ जनपद की कुंड़ा विधासभा से संटे रायबरेली जनपद की डलमऊ से बहुजन समाज पार्टी से विधायक बने। इसके बाद अब कुशीनगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक है। इसे एक संयोग ही कहा जाय कि उन्हें अपनी मातृभूमि से जनप्रतिनिधि बनने का अभी तक कोई मौका नहीं मिला।
कैबिनेट मंत्री स्वामी के पुत्र उत्कृष्ट मौर्य को नहीं मिल पा रही राजनीति में सफलता
भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भले ही विधायक एवं मंत्री बने हैं। इसी के साथ ही उनकी बेटी डाँ.संघ मित्रा भाजपा से सांसद बनकर प्रतापगढ़ जनपद में इतिहास बना रही है। लेकिन स्वामी प्रसाद के पुत्र उत्कृष्ट मौर्य को राजनीतिक सफलता हासिल नहीं हो पा रही है। उत्कृष्ट को स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी परंपरागत सीट रायबरेली जनपद की डलमऊ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 2014 में चुनाव लड़ाया। पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बहरहाल उत्कृष्ट बहुत ही सक्रियता से रायबरेली जनपद की युवा राजनीति कर रहे हैं।