जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस मुट्ठी भर जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। शायर की लिखी यह पंक्तियां कानपुर की JNT स्पोर्ट्स वेलफेयर सोसाइटी पर सही बैठ रही है क्योंकि यहां से क्रिकेट की नई पौध से निखरता हुआ नजर आ रहा यूपी क्रिकेट।
जहां एक ओर उत्तर प्रदेश क्रिकेट में घमासान मचा हुआ तो दूसरी तरफ जूनियर स्तर पर यूपी क्रिकेट का भविष्य काफी अच्छा दिख रहा है। यूपी की अंडर-14 और अंडर-12 की टीमें नेशनल लेवल पर लगातार अच्छा क्रिकेट दिखा रही है।
वहीं यूपी क्रिकेट का गढ़ कहे जाने वाले कानपुर से एक बार फिर नये सितारे आगे निकलते हुए नजर आ रहे हैं। कानपुर क्रिकेट का इतिहास भी रहा है कि जो भी बड़ा खिलाड़ी यूपी से निकलता है तो वो कानपुर में आकर ट्रेनिंग करता है।
मोहम्मद कैफ से लेकर कई और सितारे हैं जो कानपुर में रहकर कड़ी ट्रेनिंग करते हैं और फिर प्रदेश की रणजी टीम के सहारे भारतीय टीम में दस्तक देते हैं। ऐसे में यूपी के कानपुर में क्रिकेट का बड़ा स्कोप है लेकिन जेएनटी स्पोट्र्स वेलफेयर सोसाइटी द्वारा क्रिकेट की नई पौध को तैयार कर रही है जो आने वाले दिनों में यूपी क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ सकती है।
भारत में क्रिकेट के प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन कई ऐसी प्रतिभाएं दम तोड़ देती है जिनको सही राह दिखाने वाले नहीं मिलते हैंं लेकिन JNT स्पोर्ट्स वेलफेयर सोसाइटी ऐसी प्रतिभाओं को तराश रही है जिनमें प्रतिभा तो कूट-कूट कर भरी हुई है। पिछले कुछ साल में यहां के खिलाडिय़ों ने अंडर-14 से लेकर अंडर-12 में अपनी पहचान बनाई है।
अंडर-12 के वीनू मांकड़ जैसे स्कूली क्रिकेट टूर्नामेंट में यहां के क्रिकेटरों ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। दर्जनभर खिलाड़ी तो स्कूली क्रिकेट में अपनी पहचान भी बना चुके हैं।
यहां से निकले खिलाड़ियों पर एक नज़र
- सुधांशु चौरसिया अंडर-19 ( 2014, 2015, 2016)
- अंशुमान सिंह अंडर-19 (2014, 2015, 2016)
- शिवम कुमार अंडर-19 (2014, 2016)
- सार्थक लोहिया अंडर-19 (2014, 2016)
- शिवांशु सचान अंडर-16 (2016, 2017, 2018)
- प्रानवीर सिंह अंडर-16 (2018 )
- आयुषी सिंह महिला क्रिकेट अंडर-15, (2022)