न्यूज डेस्क
भारतीय थल सेना के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को अपना पदभार संभाल लिया। पदभार संभालने से पहले उन्होंने इंडिया गेट जाकर वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। बता दें कि नरवणे देश के 28वें आर्मी चीफ हैं।
इस बीच नरवणे ने कहा, ‘मैं वाहेगुरु से प्रार्थना करता हूं कि मुझे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए शक्ति, साहस और बुद्धिमता दें। मुझे एहसास है कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। और इस पद को संभालने पर मुझे गर्व है।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने देशवासियों को आश्वासन देना चाहता हूं कि तीनों सशस्त्र सेनाएं आर्मी, नेवी और एयरफोर्स कभी भी देश के दामन पर आंच नहीं आने देंगी। हमारी आर्मी सतर्क है। इसके साथ ही हमे मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष ध्यान देना होगा।’
आर्मी चीफ ने कहा कि, ‘हमारी प्राथमिकता है कि किसी भी समय चुनौती का सामना करने के लिए हमको तैयार रहना होगा’ इस बीच पत्रकारों द्वारा पीओके से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘जो भी खतरे हैं हम हमेशा उस पर ध्यान देते रहे हैं। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। हम भविष्य की चुनौतियों पर गौर करते हैं और उनसे निपटने के तरीकों पर भी ध्यान देते हैं।’
नरवणे ने कहा, ‘सेना का आधुनिकीकरण करना हमारी प्राथमिकता है। हमें अभी इस पर कम करना है।’ इसके साथ ही चीन को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाएं दो बड़े देशों से जुड़ी हुईं हैं। दोनों बराबर महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले हम पश्चिमी सीमाओं पर ज्यादा ध्यान देते रहे हैं।
इसके अलावा हम उत्तरी सीमा पर भी ध्यान देंगे जो हमारे पूर्वोत्तर इलाकों को भी कवर करता है। चीन के साथ हमारी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल है। सीमा के मुद्दे का हल किया जाना बाकी है। हालांकि, सीमा पर शांति बरकरार रखने में हम सफल रहे हैं।’