- नेपाल-भारत सीमा को पार करने की कोशिश कर रहे थे भारतीय किसान
- नेपाली पुलिस ने हवाई फायरिंग से भारतीय किसानों को सीमा पार करने से रोका
न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने सब कुछ बदल दिया है। एक वक्त था कि भारतीय हो या नेपाली, 1850 किलोमीटर लंबी नेपाल -भारत की सीमा बेरोकटोक पार कर आते-जाते रहते थे, आज वहां पुलिस का पहरा है। आलम यह है कि अपने काम की वजह से लोग चोरी-छुपे सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत-नेपाल की 1850 किलोमीटर लंबी सीमा ज़्यादातर खुली हुई है। सरहदी इलाकों में रहने वाले ज़्यादातर लोग बेरोकटोक इस पार से उस पार से आते-जाते रहे हैं। लेकिन अब कोरोना महामारी के कारण नेपाल ने 22 मार्च से अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील कर रखी हैं। इसके दो दिन बाद देश में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन भी लागू कर दिया गया है।
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लॉकडाउन के दौरान शनिवार को सीमा पार करने की कोशिश कर रहे भारतीय किसानों को रोकने के लिए नेपाली पुलिस ने हवाई फायरिंग की। नेपाल के एक अधिकारी के मुताबिक ये किसान मक्के की कटाई के लिए सीमा पार करना चाह रहे थे।
नेपाल के सुदूर पूर्वी जिले झापा के मुख्य जिलाधिकारी उदय बहादुर राणामगर ने मीडिया को बताया, “तकरीबन 150 भारतीय किसानों ने झापा जिले में खेती के जमीन पट्टे पर ले रखी है। शनिवार को ये लोग जबरन इस पार आना चाह रहे थे। जब इन लोगों की भीड़ ने हमारी सीमा चौकी पर हमला किया तो जवाब में हमारी सीमा पुलिस ने हवाई फायर किए।”
हालांकि इस फायरिंग में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। ये हमला शनिवार शाम 7.30 बजे के करीब हुआ।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे भारतीय इलाकों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर नेपाल ने अपनी तरफ चौकसी बढ़ा दी है। शनिवार को नेपाल में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण पहली मौत हुई है। रविवार तक नेपाल में संक्रमण के 291 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाली क्षेत्र में खेती करने वाले भारतीयों का एक समूह बंद के दौरान इस तरफ चला आया था। सीमावर्ती गांव के लोगों ने उन्हें वापस भेजने की कोशिश की। सशस्त्र पुलिस के साथ संघर्ष के बाद भारतीय नागरिकों का दल वापस लौट गया।
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नेपाल का झापा जिला भारत के पश्चिम बंगाल और बिहार की सीमा से लगा हुआ है। झापा के कचनाकवाल और झापा गांवों में लगभग 500 बीघा जमीन पर भारतीय लोग खेती करते रहे हैं। अब उन्होंने मक्का बोया है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, वे बंद के दौरान भी नेपाल आना चाहते हैं, लेकिन सीमा पुलिस द्वारा उन्हें आने की अनुमति नहीं है।
भारतीय नागरिकों ने पुलिस पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें सीमा क्षेत्र में मवेशियों को चराने की अनुमति नहीं थी।
वहीं गृह मंत्रालय ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन को समय-समय पर नेपाल आने वाले भारतीय नागरिकों की समस्या का हल खोजने की कोशिश करनी चाहिए।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता केदार नाथ शर्मा के अनुसार, भारतीय नागरिकों को खेती करने के लिए पहचान पत्र देकर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “यह समस्या कई बार हुई है। यदि वे समुदाय में नहीं जाते हैं तो ये सुविधा उन्हें केवल खेती के लिए दी जा सकती है।” स्थानीय प्रशासन का कहना है कि भारत के समकक्ष अधिकारियों के साथ चर्चा करके कोई समाधान निकाला जा सकता है।
झापा के मुख्य जिलाधिकारी उदय बहादुर के अनुसार इस महीने की शुरुआत में भी उनके जिले में सीमा पार करने की कोशिश कर रहे दर्जनों भारतीयों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को खाली कारतूस दागने पड़े थे।
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