जुबिली न्यूज डेस्क
चीन में फैल रही रहस्यमय बीमारी ने नेपाल की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल ने इस बीमारी को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और स्वास्थ्य विभाग से निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है। इस बीमारी के बारे में जानकारी ना देने के लिए नेपाल ने चीन से नाराजगी भी जाहिर की है। नेपाल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी एजेंसी ने उन्हें चीन में निमोनिया के रहस्यमय प्रकोप के बारे में सचेत नहीं किया। उनके देश में भी इस मौसम में इस तरह की बीमारियां होती हैं। ऐसे में उनको इस बारे में जानकारी दी जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन का इस पर बयान आने के बाद नेपाल ने अलर्ट जारी किया है।
नेपाल की राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के निदेशक डॉक्टर रंजन भट्ट ने कहा, इन्फ्लूएंजा, कोविड और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल नेपाल में फैलने वाले आम वायरस हैं जो निमोनिया की वजह बनते हैं। खासतौर से बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और न्यूमोकोकस संक्रमण इस मौसम में होता है। उत्तरी चीन में चल रहे रहस्यमयी निमोनिया के प्रकोप के लिए भी यही वायरस और बैक्टीरिया जिम्मेदार माने जा रहे हैं। ये सभी वायरस और बैक्टीरिया हमारे देश में भी हैं।इसलिए हम पूरी स्थिति पर निगाह रख रहे हैं और नियमित निगरानी कर रहे हैं।
नेपाल में संक्रमण फैलने का खतरा!
मधेश प्रांत के प्रांतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब के निदेशक डॉक्टर श्रवण कुमार मिश्रा ने कहा है कि हमें देश में निगरानी बढ़ानी होगी और चीन में फैल रही बीमारी से जुड़े मामलों पर कड़ी नजर रखनी होगी। उन्होंने श्वसन सिंकाइटियल वायरस का परीक्षण करने वाली सेंट्रल लैब से स्थिति की बारीकी से निगरानी करते रहने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हमें रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस परीक्षण बढ़ाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
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नेपाल में अक्टूबर-नवंबर नेपाल में फ्लू और सांस से जुड़ी बीमारियों की शिकायतें बढ़ जाती हैं। काठमांडू के प्रमुख अस्पतालों ने बताया कि सांस से जुड़ा वायरस – इन्फ्लूएंजा ए (एच 1 एन 1), ए (एच 3) और इन्फ्लूएंजा बी का संक्रमण पहले ही बढ़ चुका है।