प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. भारत-नेपाल संबंधों में तनाव के बीच नेपाल ने भारतीय चैनलों के प्रसारण पर लगाई गई रोक को हटा लिया है. नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली के आदेश के बाद नेपाल के केबल आपरेटरों ने भारतीय चैनलों का प्रसारण फिर से शुरू कर दिया है.
भारतीय चैनलों का प्रसारण शुरू करने के साथ ही नेपाल ने भारत को एक राजनयिक टिप्पणी भेजी है जिसमें कहा गया है कि भारतीय नेताओं को नेपाल के खिलाफ असंवेदनहीन और अपमानजनक टिप्पणियों से बचने को कहा है.
नेपाल ने चार दिन पहले दूरदर्शन को छोड़कर भारत के सभी चैनलों पर रोक लगाते हुए कहा था कि भारतीय चैनल नेपाल के लोगों की भावनाओं को ठेस लगाने का काम कर रहे हैं.
नेपाल ने एक तरफ भारतीय चैनलों को फिर से प्रसारण की अनुमति देकर यह बताने की कोशिश की कि नेपाल भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है लेकिन आज ही उसने नेपाल में आ रही बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहरा दिया.
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि भारत ने नेपाल सीमा पर सड़कें, बाँध और तटबंध बनाकर नेपाल को बाढ़ में डुबा देने की साज़िश रची है. नेपाल के गृहमंत्री ने कहा है कि भारत ने नेपाल सीमा के समानांतर सड़कें, बांध और तटबंध बनाकर पानी की निकासी रोक दी है. इससे नेपाल के डूब जाने का खतरा पैदा हो गया है. गृहमंत्री ने भारत पर नेपाल की नदियों के साथ छेड़खानी करने का आरोप भी लगाया है. नेपाल ने कहा है कि भारत बाढ़ रोकने के लिए नेपाल से हुई संधि का उल्लंघन करता रहा है.
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नेपाल के गृहमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जब नेपाल आये थे तब उन्हें यह जानकारी दी गई थी कि बिहार में जिस तरह से तटबंध और बाँध बनाए जा रहे हैं उससे नेपाल डूब जाएगा लेकिन प्रधानमन्त्री ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
सच बात यह है कि हर साल बरसात में नेपाल बड़ी मात्रा में पानी छोड़ता है जिससे उत्तर बिहार में इलाके जलमग्न हो जाते हैं और भारी जानमाल का नुक्सान होता है.