जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में लगातार राजनीतिक घटनाक्रम बदलता नजर आ रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व केपी शर्मा ओली संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे थे और इस वजह से उनकी कुर्सी चली गई थी लेकिन केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें इस लिए पीएम बनाया है क्योंकि वैकल्पिक सरकार
बनाने के लिए किसी और दल के पास बहुमत नहीं था।
ऐसे में राष्ट्रपति ने नेपाल की प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इसके साथ ही पुराने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
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ओली को अब 30 दिन के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा, जिसमें विफल रहने पर संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के तहत सरकार बनाने का प्रयास शुरू किया जाएगा। अब देखना होगा क्या वो दोबारा विश्वास मत हासिल कर पाते हैं या नहीं।
केपी शर्मा ओली 11 अक्टूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक और फिर 15 फरवरी, 2018 से 13 मई, 2021 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
ऐसे बने फिर पीएम
नेपाल में राजनीतिक उठापटक लगातार जारी है। केपी शर्मा ओली अभी कुछ दिन पहले पीएम पद गवांना पड़ा था क्योंकि उन्होंने संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे थे। इसके बाद नेपाल में गुरुवार को विपक्षी दल अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे। इसके बाद सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता के रूप में केपी शर्मा ओली को फिर सेराष्ट्रपति ने पीएम नियुक्त कर दिया है।
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