जुबिली न्यूज डेस्क
नीट पेपर लीक को लेकर सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है. बिहार आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान को दिल्ली तलब किया गया है. गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय की तरफ से हसनैन खान को मामले की जानकारी लेने के लिए बुलाया गया है. पटना से पेपर लीक के मास्टरमाइंड अमित आनंद को गिरफ्तार भी किया गया है, जिसने इस बात को कबूल किया है कि उसने पेपर लीक किया था. पेपर लीक के बदले छात्रों से 30-32 लाख रुपये लिए गए थे.
बिहार ईओयू ने अभी तक नीट पेपर लीक मामले में 60 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. साथ ही 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. छात्रों से भी पूछताछ की गई है. इस बीच पेपर लीक करवाने वाले अमित आनंद ने अपने कबूलनामे में कहा है कि वह पहले भी पेपर लीक करवाता रहा है. उसने कहा कि सिकंदर नाम के एक जूनियर इंजीनियर ने उसके पास 4-5 अभ्यार्थी भेजे थे, जिन्हें एग्जाम से एक रात पहले क्वेश्चन पेपर और आंसर रटवाए गए थे. पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, 4 जून को नीट परीक्षा का रिजल्ट आया तो पहली बार 67 स्टूडेंट्स टॉपर बने और उन्हें 720 में से 720 अंक मिले. टॉपर्स की लिस्ट देखने के बाद नीट परीक्षा में धांधली का मुद्दा उठाया गया. 13 जून को एनटीए ने फैसला लिया कि ग्रेस मार्क्स वाले छात्रों की परीक्षा दोबारा आयोजित कराई जाएगी, लेकिन अभी भी छात्रों का गुस्सा थमा नहीं है. बिहार और गुजरात से सामने आई पेपर लीक की खबरों से एनटीए की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े हो गए हैं, इसीलिए छात्र मामले में CBI जांच की मांग कर रहे हैं.
धांधली के मामले में पटना और पंचमहल से कई गिरफ्तारियां हुई हैं. पटना में 13 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें 4 छात्र शामिल हैं. पुलिस छानबीन में पता चला कि पेपर लीक हुआ था और गिरोह ने बच्चों को पास कराने के लिए लाखों रुपए वसूले थे. पंचमहल में भी छात्रों से लाखों रुपए वसूले गए और गिरोह ने सही जवाब भरकर आंसर शीट जमा की.