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भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे को चालू करने, उससे संबंधित तकनीकी मामलों और इस संबंध में मसौदा समझौते पर चर्चा करने के लिए रविवार को दूसरे दौर की बातचीत की। बैठक में भारत ने पाकिस्तान के सामने श्रद्धालुओं के लिए वीजा मुक्त यात्रा की मांग रखी है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ। मोहम्मद फैसल ने कहा कि 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई। बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच एक और बैठक किए जाने की जरूरत है।
बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंरिक सुरक्षा) एससीएल दास ने बताया कि पाकिस्तान इस बात पर राजी हो गया है कि ननकाना साहिब में पवित्र दर्शन के लिए रोजाना 5000 श्रद्धालु जा सकते हैं। विशेष अवसर पर इनकी संख्या को घटाने बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
एससीएल दास ने बताया, ‘भारत ने डेरा बाबा नानक और आसपास के इलाकों में बाढ़ को लेकर चिंता को पाकिस्तान से अवगत कराया। तटवर्ती इलाकों में सड़क निर्माण का कार्य पाकिस्तान की तरफ से पूरा किया जा था।’
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पर काम अपने अखिरी चरण में है। भारत ने इस काम को पूरा करने के लिए 31 अक्टूबर तक का लक्ष्य रखा है। जिससे गुरुनानक देव के 550वें जन्मोत्सव के मौके पर संगत करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकें।
माना जा रहा है कि इस बातचीत में उन चीजों को लेकर चर्चा हुई जिनपर दोनों देशों के बीच अभी सहमती नहीं बन पाई है। बातचीत में भारत के लिए सबसे बड़ा मुद्दा श्रद्धालुओं की सुरक्षा का है। हालांकि, इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है। ये बातचीत वाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ हुई।
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