न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र व उसके आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां के रत्नागिरी इलाके में तिवारे डैम टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में अभी तक करीब 19 लोगों के शव बरामद हुए है। वहीं, इस हादसे में नौ लोग अभी भी लापता बताये जा रहे है जिसको लेकर एनडीआरएफ की टीम ने एक बार फिर से सर्च ऑपरेशन शुरु कर दिया है।
NDRF: Search operation at #TiwareDam in Ratnagiri resumes. So far 19 bodies have been recovered. #Maharashtra (File pic) pic.twitter.com/5rsj9op7yd
— ANI (@ANI) July 6, 2019
बता दें कि करीब दो दिन पहले तिवारे डैम टूट गया था। इसके टूटने से 12 मकान पानी में बह गए थे और सात गांवों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए थे। महाराष्ट्र सरकार ने डैम टूटने की घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
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केकड़ों की वजह से हुआ हादसा
वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री तानाजी सावंत ने इस घटना के पीछे अजीब तर्क दिया है। उन्होंने कहा है कि रत्नागिरी जिले में स्थित तिवारे डैम टूटने की वजह बांध में पाए जाने वाले केकड़े हैं।इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस डैम में बड़ी संख्या में केकड़े पाए जाते हैं, जिन्होंने डैम की दीवार में छेद कर दिया, इससे पानी का लीकेज हुआ और इसी कारण बांध की दीवार टूट गई। इसकी चपेट में आकर कई लोग बह गए।
सीएम ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बांध की मरम्मत और हादसे में घर गंवाने वाले ग्रामीणों को घर देने का भरोसा दिलाया।
स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार
इसके अलावा मृतकों के परिजनों ने स्थानीय प्रशासन को हादसे का जिम्मेदार ठहराया है। स्थानिय लोगों का कहना है कि बांध लगभग 14 साथ पुराना था और पिछले एक साल से बांध में दरार थी, प्रशासन से इसकी मरम्मत के लिए कई बार अनुरोध किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।