न्यूज़ डेस्क
सरकार द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर किये जा रहे तमाम वादे झूठे साबित हो रहे है। बीजेपी सरकार ने महिला सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाया था चाहे वो देश में हो या प्रदेश में। लेकिन महिला सुरक्षा को लेकर वो कितनी गंभीर है। इस बात की जानकारी एनसीआरबी द्वारा जारी किये गये आकड़ों से पता चलता है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी किये गये आकड़ों के अनुसार, देश में महिलाओं के प्रति अपराध कम होने की बजाय बढ़े है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में करीब 50 लाख सात हजार 44 अपराध के मुक़दमे दर्ज किये गये। खास बात ये है कि इसमें तीन लाख 59 हजार 849 मामले केवल महिलाओं के खिलाफ अपराध संबंधी है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ सबसे जायदा मामले उत्तर प्रदेश दर्ज हुए हैं। साथ ही तेजी से बढ़े भी रहे हैं। जबकि लक्षद्वीप, दमन व दीव, दादरा व नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेश और नागालैंड में महिलाओं के प्रति अपराध के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं।
जारी आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के जो मामले दर्ज हुए है, 2017 में उनकी संख्या कुल 56 हजार 11 है। जबकि साल 2015 में 35 हजार 908 और 2016 में 49 हजार 262 थी।
इसके अलावा एनसीआरबी द्वारा जारी किये गये आकड़ें दिल्ली को राहत देने वाले हैं। वहां पहले की अपेक्षा हालात सुधरे है। जारी आकड़ों में 2017 में महिलाओं के प्रति अपराध के 13 हजार 76 मामले दर्ज किए गए। जबकि साल 2015 में 17 हजार 222 और साल 2016 में 15 हजार 310 थी।
वहीं, एनसीआरबी का कहना है कि 2017 की रिपोर्ट में आईपीसी के तहत कई नए अपराध भी शामिल हुए हैं। इनमे अपहरण, आपराधिक धमकी, छोटी-मोटी चोट लगाना, क्रेडिट/ डेबिट कार्ड धोखाधड़ी, लापता बच्चों जिनके अपहरण की आशंका हो, अपहरण और भीख मंगवाने के लिए किया गया अपहरण, सहित कई मामले शामिल हैं।