न्यूज डेस्क
एनसीपी के सीनियर नेता और पूर्व सांसद डीपी त्रिपाठी का आज दिल्ली में निधन हो गया है। दरअसल वह काफी दिनों से बीमार थे। डीपी त्रिपाठी का पूरा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी है। वह भारत की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव थे।
देवी प्रसाद त्रिपाठी का जन्म 6 जनवरी 1954 में सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था। त्रिपाठी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे। इतना ही नहीं उन्होंने बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया गया।
16 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम लिखा था। वह बहुत ही जल्द पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सहयोगियों में से एक बन गए। हालांकि, उन्होंने बाद में सोनिया गांधी के विरोध में पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वह वर्ष 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए, औप बाद में पार्टी के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता बन गए।
पिछले साल ही राज्यसभा से उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था। अपने विदाई भाषण में उन्होंने सेक्स के मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि आज तक इस पर संसद में चर्चा नहीं हुई, जबकि गांधी जी और लोहिया ने भी इस पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि सेक्स से जुड़ी बीमारियों के चलते मौतें होती हैं, लेकिन कभी इस पर बात नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि जिस देश में कामसूत्र जैसी पुस्तक लिखी गई थी, वहां की संसद में सेक्स जैसे विषय पर कभी बात नहीं की गई। इस पुस्तक को लिखने वाले वात्स्यायन को ऋषि का दर्जा प्राप्त था। अजंता-अलोरा की गुफाएं और खजुराहो के स्मारक इसी पर समर्पित हैं, लेकिन कभी संसद तक में यह मसला नहीं उठा। 1968 में राजनीति में आए डीपी त्रिपाठी को संसद के अच्छे वक्ताओं में शुमार किया जाता था। आपातकाल में आंदोलन के चलते वह जेल भी रहे थे।