जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद आपको नया टैक्स देना पड़ सकता है। ये टैक्स आपके वाहन के लिए हो सकता है। इसका प्रस्ताव पहले भी कई बार ख़ारिज हो चुका है, लेकिन लखनऊ के नवाबी लोगो पर नगर निगम ने नया टैक्स थोपने की पूरी तैयारी कर ली है। ये कोई नयी बात नहीं है जब नगर निगम ने घर के बाहर खड़ी गाड़ियों से टैक्स वसूलने की तैयारी की हो। चुनाव के बाद इस टैक्स को लखनऊ के लोगों पर थोपने की तैयारी है।
चुनाव बाद पड़ सकता है नवाबी लोगो पर नया टैक्स
लखनऊ नगर निगम अब नवाबी लोगों से पार्किंग टैक्स वसूल करेगा, जो नवाबी लोग घर के बाहर सड़क पर गाड़ियां खड़ी करते हैं, उन्हें ये नया टैक्स देना होगा। पुणे में इस प्रकार की व्यवस्था पहले से लागू है। हाल ही में नगर निगम टीम पुणे से अनुभव लेकर लौटी थी। चुनाव बाद नगर निगम प्रशासन इस सम्बंध में प्रस्ताव सदन में रखेगा।
होगी 48 करोड़ की आय
सड़क पर गाड़ियां खड़ी करने वालों से शुल्क वसूली का प्रस्ताव यदि शासन में पास हो गया तो नगर निगम को सालाना करीब 48 करोड़ रुपये आमदनी का अनुमान है। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने महापौर कार्यकाल में आय बढ़ाने को लेकर इस सम्बंध में प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब इसको टाल दिया गया था।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 22 लाख वाहन हैं, जिनमें से दो लाख से ज्यादा वाहन सड़क पर ही खड़े किए जाते हैं। यदि ऐसे वाहनों पर दस रूपए प्रतिदिन शुल्क लिया जाए तो हर महीने करीब चार करोड़ की आय होगी।
घर के बाहर खड़ी गाड़ियों से टैक्स वसूलने की तैयारी
इसी तरह शहर की मंडियों और प्रमुख बाजारों में खड़ी होने वाले ट्रकों, लॉरी व छोटी गाड़ियों से शुल्क वसूलने का प्रस्ताव दिया गया था। अभी नगर निगम को ऐसे वाहनों से कोई शुल्क नहीं मिलता जबकि ये वाहन नगर निगम की सीमा में व्यवसाय जरूर करते हैं और नगर निगम की सेवाओं जैसे मार्ग प्रकाश, सफाई व सड़क का उपयोग करते हैं।
साथ ही विवाह व अन्य समारोहों के दौरान बारात घर व गेस्ट हाउस के आसपास सार्वजनिक सड़क पर गाड़ियां खड़ी की जाती हैं। इनसे यदि शुल्क वसूल किया जाए तो हर साल करीब चार करोड़ रुपये की आमदनी होगी।
जबकि सड़क व सार्वजनिक स्थान पर वाहन खड़े करने वालों पर पार्किंग टैक्स लागू करने से नगर निगम को सालाना करीब 48 करोड़ रुपये मिलेंगे। चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष को अधिनियम में प्रावधान करने के लिए यह प्रस्ताव पूर्व में सौंपा गया था।
मगर पूर्व सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी और प्रस्ताव फाइल में ही बंद हो गया। शहर में सार्वजनिक स्थलों, सड़क, फुटपाथ, घर, काम्पलेक्स और दुकानों के बाहर रात में निजी अथवा कामर्शियल वाहन खड़े करने पर पार्किंग टैक्स देना होगा।
शहर में पार्किंग की समस्या विकराल होती जा रही है। घरों के बाहर सड़क पर गाड़ियां खड़ी होने से सड़कें टूट रही हैं। हाल यह है कि एक- एक घर में कई गाड़ियां हैं। वाहन स्वामी घर के बाहर पार्किंग कर रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए नई व्यवस्था को लागू करने की कार्ययोजना तैयार हो रही है।
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ