न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस ने विश्वभर के अनेक देशों को अपने चपेट में ले लिया है। भारत ने कोरोना को आपदा घोषित कर दिया है, तो वहीं देश के कई राज्यों ने इसे माहामारी का दर्जा दिया है। भारत में कोरोना वायरस केस की संख्या और बढ़ गई है।
अब तक यह संख्या 105 पहुंच गई है। इनमें से अब तक 11 मरीज ठीक हो गए हैं। जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है। तीन केस केरल में बढ़े हैं, जबकि एक नया केस जम्मू-कश्मीर से आया। कोरोना के खतरे को देखते हुए करतारपुर कॉरिडोर भी बंद करने का फैसला, तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट।
कोरोना से लड़ने के लिए सरकार हर एक इंतजाम करने में लगी हुई है। कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्तर पर रविवार को एक हाई प्रोफाइल मीटिंग होने वाली है। सार्क (SAARC) देशों की यह मीटिंग वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी।
पीएम मोदी ने एक बार फिर शनिवार रात को ट्वीट करते हुए कहा, ‘एक स्वस्थ ग्रह के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए। रविवार शाम 5 बजे सार्क (SAARC) देशों के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना वायरस (COVID-19) की चुनौती से लड़ने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा करेंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे एक साथ आने से प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे और हमारे देश के नागरिकों को उसका लाभ मिलेगा।’
सूत्रों के मुताबिक जिन मुद्दों पर रविवार को चर्चा हो सकती है उसमें नागरिकों के आवागमन को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने से लेकर एक दूसरे को मेडिकल या दवाईयों की मदद पहुंचाने या अनुभव को साझा करना शामिल रहेगा। चूंकि भारत इस क्षेत्र का सबसे बड़ा देश है और उसने सफलतापूर्वक अभी तक कोरोना वायरस के प्रसार को सीमित रखा है, इसलिए पीएम मोदी की तरफ से दूसरे देशों को मदद देने की घोषणा की जा सकती है।
भारत पहले से ही कुछ देशों को मदद दे रहा है। मसलन, चीन के शहर वुहान को भारत की तरफ से 26 फरवरी, 2020 को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 15 टन मेडिकल सामग्री की आपूर्ति की गई। इस तरह की मदद ईरान को भी जल्द दी जाएगी।
भारत जब चीन व जापान से अपने नागरिकों की निकासी कर रहा था तो बांग्लादेश, मालदीव समेत दूसरे देशों के भी कुछ नागरिकों को निकाला गया। भारत ने सभी सार्क देशों से आग्रह किया था कि अगर उनके किसी नागरिकों को निकालना हो तो जानकारी दे, भारत उसमें मदद करेगा। कुछ देशों ने आग्रह भी किया।