जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता। नारदा रिश्वत केस में तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। उधर इस केस में गिरफ्तार किए गए ममता बनर्जी के दो मंत्री, एक तृणमूल कांग्रेस विधायक और तृणमूल के एक पूर्व सदस्य को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है।
दरअसल इन्हें अब हाउस अरेस्ट रहना होगा। जानकारी के मुताबिक कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हाउस अरेस्ट का आदेश दिया। इसके साथ ही गिरफ्तार किए इन नेताओं की जमानत पर तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी।
बता दें कि नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के 2 मंत्रियों समेत टीएमसी के गिरफ्तार चार नेताओं को कोलकाता हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी और इन्हें कोर्ट से बड़ा झटका लगा था।
दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट ने फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी समेत चार नेताओं के जमानत आदेश पर लगाई रोक लगा दी थी। इसके साथ अब ये चारों न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए थे।सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार की रात सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।
सीबीआई ने बंगाल सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी के साथ-साथ टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सुवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था। बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की ओर से इन नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद सीबीआई ने यह एक्शन लिया है।
लंबे समय तक टीएमसी से जुड़े रहे सुवन चटर्जी ने 2019 में भाजपा में चले गए थे, लेकिन भाजपा ने बीते विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया।
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वहीं मदन मित्रा ने हाल ही में हुए चुनावों में कमरहाटी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। फिलहाल सीबीआई की कार्रवाई को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि हम इसकी निंदा करते हैं और यह बदला लेने जैसी सोच है।
वहीं बीजेपी का कहना है कि इन गिरफ्तारियों में उसका कोई रोल नहीं है।पार्टी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्जी ने कहा था, ‘हमें कुछ नहीं कहना है। बीजेपी का इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।
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’ मंत्रियों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से 2016 से पहले उभरे नारदा स्कैम के मामले को सामने ला दिया है। दरअसल नारदा स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के कई सीनियर नेता एक फर्जी कंपनी की मदद के बदले में कैश लेते दिखे थे।
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