जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मौत से क्या डरना… मौत से क्या डरना… मौत से क्या डरना… उसे तो आना है…दो दिन की जिंदगी है हमे अपना फर्ज निभाना है…ये मशहूर फिल्मी गीत पंथर के फूल फिल्म का है। दरअसल इस गाने से ये बात पता लग रही है कि मौत एक सच्चार्ई है। जो भी इस दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना है। इस सच्चाई कोई नकार नहीं सकता है।
हालांकि कई लोग ऐसे हैं जो मौत का नाम सुनते ही थर-थर कांप जाते हैं। उनके दिलों-दिमाग पर डर का साया मंडराने लगता है। कई लोग इस बात को जानना चाहते हैं कि जब इंसान मरता है तो उसके साथ क्या-क्या होता है।
अलग-अलग धर्मों में अलग मान्यता है लेकिन आज हम आपको एक सच से रूबरू कराने जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है लेकिन उसे अब तक मालूम नहीं है। मरने के बाद इंसान का क्या होता है और कैसा महसूस करता है।
इतना ही नहीं उसका थम कैसे निकलता है और मरने वाले इंसान उस वक्त क्या महसूस करता है। इस बात का खुलासा एक्सीडेंट एंड इमरजेंसी डॉक्टर रह चुके थॉमस फ्लाइसमन ने एक रिसर्च में किया है।
उन्होंने बताया हैै कि अगर किसी की मौत होती है तो वो मौत के 5 चरणों में होती है। उन्होंने यह खुलासा किस आधार पर किया है। इसको लेकर उन्होंने बताया है।
उन्होंने बताया है कि 35 सालों तक एक्सीडेंट एंड इमरजेंसी डॉक्टर के तौर पर काम किया है और अपनी आंखों के सामने 2000 से ज्यादा लोगों को मरते देखा है।
उसी आधार पर वो इस नतीजे पर पहुंचे और बताया है कि ऐसे लोगों से बातें भी की हैं, जो मरते-मरते बचे हैं, इन्हीं बातों और अपने अनुभवों के आधार पर उन्होंने मौत के 5 चरणों के बारे में बताया है।
उन्होंने कहा है कि इंसान का दम पांच स्टेज में निकलता है। मौत को लेकर उन्होंने बेहद अजीब खुलासा किया है। थॉमस फ्लाइसमन की माने तो इंसान की मौत के पहले चरण में इंसान को कुछ सुनाई नहीं देता, मौत के करीब रहने वाला शांति महसूस करता है। उसकी सारी तकलीफें, डर, भय सब कुछ खत्म हो जात है।
इसके बाद उन्होंने दूसरे चरण का जिक्र करते हुए बताया है कि इंसान की मौत के दूसरे चरण में लोगों को अपना शरीर हल्का महसूस होने लगता है। उन्हें लगता है वे हवा में उड़ रहे हैं।
वही तीसरा चरण राहत देने वाला होता है। थॉमस फ्लाइसमन के अनुसार करीब 98 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें आराम महसूस हो रहा है। बाकी 2 प्रतिशत लोगों को डरावने जानवर दिखाई देते है। उन्हें डरावनी आवाजें सुनाई दे रही है। इसके अलावा उन्हें बेकार बदबू भी आती है।
उन्होंने आगे चौथे चरण का जिक्र करते हुए बताया है कि इस चरण इंसान तेज, गर्म और अपनी तरफ खींचने वाली रोशनी देखता है जो धीरे-धीरे अंधकार में बदल जाती है।
वही पांचवें और अंतिम चरण में इंसान मर चुका होता है। वह दुनिया को अलविदा कह देता है। इसके आलावा डॉक्टर थॉमस से बात करने वाले वे 10 प्रतिशत लोग जो मौत के बाद वापस आए हैं, उन्होंने बताया कि उन्होंने वहां एक सुंदर सी दुनिया देखी जहां प्यार महसूस हो रहा था।