जुबिली न्यूज डेस्क
म्यांमार की सैन्य अदालत ने नजरबंद की गई नेता आंग सान सू ची को कई मामलों में चार साल जेल की सजा सुनाई है। उन पर ग़ैर–लाइसेंसी वॉकी-टॉकी रखने का आरोप है।
पिछले साल फरवरी में म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार का सैन्य तख़्तापलट करते हुए सू ची को सत्ता से बाहर कर दिया था।
वहीं बीते दिसंबर में सू ची को कोरोना वायरस प्रतिबंधों के उल्लंघन के कारण चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। बाद में इस सजा को कम करते हुए ढाई साल का हाउस अरेस्ट कर दिया था।
कई रिपोर्टों के अनुसार सत्ता परिवर्तन के बाद ये म्यांमार में हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक १,४०० से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
दिसंबर में वरिष्ठ नेता सू ची को सुनाई गई सजा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी। म्यांमार की जनता ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए विरोध का पुराना तरीका अपनाया था और बर्तन बजाए थे।
वहीं इस फैसले पर ह्युमन राइट्स वॉच की शोधकर्ता मेनी मॉन्ग ने कहा है कि एक और सजा से राष्ट्रीय स्तर पर असंतोष और गहराएगा।
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मॉन्ग ने कहा कि, “जब पिछली बार उन्हें सजा सुनाई गई थी तब म्यांमार में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक चर्चा इसी मुद्दे की थी और जनता में ग़ुस्सा था।”
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“सेना का आकलन है कि इससे लोगों में डर पैदा होगा लेकिन इससे जनता में सिर्फ अधिक ग़ुस्सा बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सुनवाई में शामिल नहीं होने दिया गया था जबकि सू ची के वकीलों पर मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है।