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दिल्ली के साकेत कोर्ट ने बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिए गये मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 21 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमें तय किये गये थे।
गौरतलब है कि यह मामला मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के बाद सामने आया था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी जिसने ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया था। इन सभी पर पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किये गये थे।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर हुआ केस
मामला सुर्ख़ियों में तब आया जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। उसके बाद से इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही थी, जिसका फैसला अब सुनाया गया। इस मामले में अदालत ने 20 मार्च 2018 को आरोप तय किए थे। आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं।
क्या था मामला
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप और यौन शोषण होने की बात सामने आई थी। इस मामले में आरोप है कि जिस शेल्टर होम में ये सब हो रहा था, वो ब्रजेश ठाकुर का है। जिसमें ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी हैं।