जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / सहारनपुर. देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की बैठक के दूसरे दिन काशी-मथुरा विवाद से लेकर कामन सिविल कोड तक प्रस्ताव पास किये गए. मौलाना महमूद मदनी ने मुसलमानों से मौजूदा हालात में सब्र करने को तो कहा लेकिन यह साफ़ कर दिया कि शरीयत में किसी भी तरह की दखलन्दाजी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मौलाना ने कहा कि यह मुल्क हमारा है और हम इसे बचाएंगे. उन्होंने कहा कि हम हिन्दुस्तान के हैं और हिन्दुस्तान में ही रहेंगे. कोई हमें कहीं भेज नहीं पायेगा. उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान बना था और हमसे पाकिस्तान जाने के लिए लोग जिद कर रहे थे तब हमने अपना मुल्क नहीं छोड़ा तो फिर अब क्या छोड़ेंगे. उन्होंने मुसलमानों से कहा कि वह अपना हौंसला बनाये रखें, किसी को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है.
मौलाना महमूद मदनी ने मुल्क में भाईचारे की भावना के साथ काम करने की बात कही. उन्होंने साफ़ किया कि हम कामन सिविल कोड को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि यह गैर संवैधानिक है और कोई भी गैर संवैधानिक बात बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मौलाना ने कहा कि इस्लामी कायदे क़ानून में किसी भी तरह की दखलन्दाजी मंज़ूर नहीं की जायेगी.
इस बैठक में जमीयत ने सरकार और सियासी दलों से कहा कि बेहतर होगा वह अतीत के गड़े मुर्दे उखाड़ने से बचें. ज्ञानवापी और मथुरा की इबादतगाह के नाम पर विवाद 1991 के धर्मस्थल क़ानून का उल्लंघन है. इतिहास सुधारने के नाम पर मस्जिदों और इबादतगाहों के नाम पर विवाद खड़ा किया जा रहा है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बैठक में इस मुद्दे पर सख्त नाराजगी ज़ाहिर की.
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