न्यूज डेस्क
भारत अपनी विविधता के लिए ही पूरी दुनिया में जाना जाता है। भारत ही दुनिया का ऐसा देश है जहां विभिन्न जातियां और भाषाएं है और सबसे बड़ी बात सब मिलजुलकर रहते हैं। एक दूसरे के धर्मों का आदर करते हैं।
ऐसा ही कुछ जाने-माने पत्रकार मार्क टुली भी कहते हैं। उनका मानना है कि इस्लामिक देशों के मुकाबले भारत के मुसलमान अधिक भाग्यशाली हैं, क्योंकि यहां वे किसी भी इस्लामिक परंपरा की उपासना कर सकते हैं।
‘इक्वेटर लाइन’ पत्रिका के ताजा अंक में पत्रकार टुली के हवाले से लिखा गया है, ‘भारत की सहिष्णुता की भावना उसकी ताकत है, जिससे विभिन्न धर्मों के लिए साथ मिलजुल कर रहने का सद्भावपूर्ण माहौल बनता है। भारत दुनिया में अनूठा है और यह सभी धर्मों का घर है।’
टुली आगे लिखते हैं, ‘भारत में आध्यात्मिकता है। धर्मों में विविधता है। इस्लामी देशों के मुसलमानों के मुकाबले भारत में मुसलमान अधिक भाग्यशाली हैं, क्योंकि भारत में वे किसी भी इस्लामी परंपरा में पूजा कर सकते हैं।’
एक उदाहरण देते हुए टली लिखते हैं-दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में जहां वे रहते हैं, वहां तब्लीगी जमात का मुख्यालय है जो कि बेहद सख्त और रूढि़वादी मुसलमान माने जाते हैं, जबकि उनके ठीक बगल में ही सूफी परंपरा का केंद्र है। यहां लोग निजामुद्दीन औलिया के मकबरे की पूजा करते हैं और कव्वालियां गाते हैं।
ब्रिटेन के टिम ग्रांडेज का भी ‘इक्वेटर लाइन’ पत्रिका के इस अंक में एक लेख छपा है। 32 साल पहले टिम ग्रांडेज कोलकाता में एक बैंकिंग अधिकारी के रूप में आए थे। यहां आने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ कर झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए काम करने लगे। उन्होंने एक धर्मार्थ संस्था ‘फ्यूचर होप; भी बनाया है।
ग्रांडेज ने अपने लेख में लिखा है, ‘मैंने इन बच्चों से बहुत कुुछ सीखा, जैसे – विश्वास, देखभाल, अवसर, प्रतिबद्धता और सहिष्णुता का मूल्य। मैंने इन्हीं बच्चों से सीखा कि एक गिलास को आधा भरा हुआ देखना चाहिए न कि आधा खाली।’
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