जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ . वर्तमान समय मे जिस तरह एक एजेंडे के तहत मुस्लिम समुदाय के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है उसके लिये अपने निजि स्वार्थ की पूर्ति के लिये सजग होकर मुस्लिम समुदाय के हितों का आजादी के बाद से सौदा करते रहे, संगठन जमीयत-उलमा-ए हिन्द व आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी तरह जिम्मेदार है, मौलाना राबे हसनी नदवी साहब के नेक व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि उनकी बेदाग जिंदगी है किंतु उनके बोर्ड में इबनुलवक्त भरे पड़े है जिन्हें कौम की नही सिर्फ अपनी फिक्र है।
हर मुसीबत के वक्त उपरोक्त अवसरवादी संगठनों ने अपनी शैली में पूरे समुदाय को बीच भँवर मे छोड़ने का कृत्य किया है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया की तरफ से जारी बयान में राष्ट्रीय महासचिव डॉ मुईन अहमद खान ने कहा कि नामनिहाद कथित सेकुलर दलो की भी हमारी बर्बादी में बड़ी भूमिका है, मुस्लिम समुदाय के नाम पर चन्द इबनुलवक्त(अवसरवादी) लोगो के तुष्टिकरण की नीति की मार आज पूरे समुदाय पर पड़ रही है, सत्ता हमारे पूरे समुदाय पर बर्बरता की रोज नयी कहानी लिखने को बेताब है। यह पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। सरकार को इसपर पुनर्विचार करना चाहिये क्योंकि सरकारों का काम दमन नही संवाद व जनकल्याण है।
एमपीएलबीआई द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के साथ हो रही बर्बरता के लिये जमीयत-उलमा-ए हिन्द व आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित राजनीति के लिये उनका दुरपयोग करने वाले जिम्मेदार है, मुस्लिम कौम ने सब्र का दामन हमेशा थामा और सरकारों ने उनके खिलाफ अन्याय को कानून की तरह इस्तेमाल किया। मुस्लिम समुदाय से आजादी के बाद हर सरकार ने भेदभाव किया,तुष्टिकरण हमारा होता तो मौजूदा हालात में पूरे समुदाय को आतंकवादी कहने व हमारे नबी की शान में गुस्ताखी करने की हिम्मत नही होती.
बोर्ड ने ओवैसी पर भी तंज कसते हुए कहा की ओवैसी बरादर बयानबाजी के बजाय जमीन पर काम करे और टीवी डिबेट्स पर मुस्लिम बुद्धजीवियों स्कालर्स को जाकर अपना पक्ष रखना चाहिये।
यह भी पढ़ें : किसका घर गिराने के लिए ओवैसी ने दे दी योगी को चुनौती !
एमपीएलबीआई महासचिव डॉ मुईन अहमद खान ने कहा देश का मुसलमान आजादी के बादसे सब्र का दामन थामकर बैठा है और सरकार जुल्म को कानून मानकर उसको प्रताड़ित करने की भूमिका निभाती रही है। उन्होंने मौजूदा हालात में सब्र से काम लेते हुए अराजकतत्वो के किसी उकसावे में न आने की अपील करते हुए कहा नबी (सल्ल.) की शान में गुस्ताखी के बाद हुए प्रदर्शनों में जो भी बेगुनाह पकड़े गए है उन्हें कानूनी मदद दिलाने के साथ हवालात में क्रूरता के विरुद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, बोर्ड को उम्मीद है जो कुछ भी हुआ उसका हमारी सम्मानित अदालत व मानवाधिकार आयोग अवश्य स्वतः संज्ञान लेंगे।
बोर्ड ने आरएसएस, भाजपा सहित अन्य संगठनों द्वारा तुष्टिकरण के बेदम झूठे आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के साथ सभी दलों की सरकारों ने भेदभाव किया विकास के मार्ग अवरुद्ध किये गए हम पर बर्बरता करने में किसी सरकार ने परहेज नही किया यह सच्चा इतिहास तमाम आयोगों की रिपोर्ट में दर्ज है केवल यह हमे दूसरे समुदाय की नजरों से गिराने घ्रणा फैलाने व समुदाय विशेष को ध्रुवीकृत कर वोट की राजनीति के लिये किया जाता है।
बोर्ड ने कहा कि जमीयत उलमा ए हिन्द, ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड व ओवैसी भाइयो के बोल से संघ का एजेंडा मजबूत होने के साथ उनकी राह आसान हो रही है। उन्होंने उवैसी भाइयो से कहा की वह सालो से अपनी तक़रीर के बल पर की जा रही राजनीति से कौम के लिये क्या हासिल किया वह बताये? अगर उनके दिल मे दर्द है तो जमीन पर उतरे या बरगलाने की राजनीति बन्द करे।
डॉ मुईन ने टीवी डिबेट्स पर मुस्लिम बुद्धजीवियों स्कालर्स को हिस्सा लेने की वकालत करते हुए कहा हमको अपना पक्ष रखना चाहिये।