जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के फैसले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का आदेश दे दिया है।
यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि सभी ओबीसी सीटों को सामान्य माना जाएगा। राज्य की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले से यूपी की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी फंसती दिख रही है।
दरअसल, बीजेपी के लिए मुसीबत कम नहीं है, ओबीसी जातियों के बल पर पार्टी ने राज्य में सत्ता हासिल की है और लोकसभा में जोरदार जीत। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के कारण पार्टी के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
बीजेपी की मुश्किले बढ़ती दिखी
इस फैसले के बाद विपक्ष बीजेपी पर जमकर हमला बोल रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तो सीधे बीजेपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि मौर्य पिछड़े जरूर हैं लेकिन वह पिछड़े की हितों की रक्षा नहीं कर सकते हैं। उधर, रामगोपाल यादव ने भी बीजेपी पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और ओबीसी आरक्षण पर फैसला सरकार की साजिश का नतीजा है।
अब बीजेपी के सारे रास्ते खत्म
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में ओबीसी समर्थन के दम पर ही सत्ता में आई थी। 2014 में तो बीजेपी को राज्य की 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वहीं, 2017 के राज्य चुनावों में पार्टी ने 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा किया था। राज्य की गैर यादव ओबीसी बिरादरी ने खुलकर बीजेपी को समर्थन दिया था।
इस जीत में एसपी ने बीजेपी के आधार वोट में सेंध का दावा किया है। ऐसे में बीजेपी को अब फूंक-फूंककर कदम उठाना होगा। मिशन 2024 में जुटी एसपी के लिए ये ऐसा दांव मिल गया है जिसके साथ वह बीजेपी की धार को कुंद करने की कोशिश करेगी।
ये भी पढ़ें-सुशांत सिंह राजपूत: मोर्चरी सर्वेंट के दावे से हिला परिवार, बहन ने पीएम से की ये मांग
क्या ओबीसी वोट बैंक में लगेगी सेंध?
पार्टी गैर यादव ओबीसी वोटरों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य में करीब 35 फीसदी ओबीसी आबादी है। इसमें कु्र्मी, मौर्य, कश्यप, सैनी, साहू समेत कई ओबीसी जातियां शामिल हैं।
अगर ये वोट बैंक किसी एक पार्टी के खाते में चला जाए तो कोई भी दल बड़ी जीत का दावा कर सकता है। मंडल आंदोलन के दौर में ये जातियां एसपी के साथ एकजुट थीं। हालांकि एसपी पर इस दौरान केवल यादवों को बढ़ावा देने का आरोप लगा।
इन्हीं आरोपों के बीच बीजेपी इन जातियों को अपने पाले में लाने में सफल रही और राज्य में बंपर जीत दर्ज की थी। पर हाईकोर्ट का फैसला आते ही बीजेपी भी एक्टिव हो गई है। ऐसे में पार्टी के सूत्र ये दावा कर रहे हैं कि ओबीसी वोटर पार्टी से छिटकने वाले नहीं हैं। बीजेपी इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।
ये भी पढ़ें- जिनपिंग की सनक से ‘पागल’ हो रहे चीनी सैनिक! हालत गंभीर