न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमाशान ने बीजेपी और शिवसेना के 30 साल से चल रहे गठबंधन को खत्म कर दिया। गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद भी दोनों पार्टी महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पा रही है। ऐसे में बीजेपी ने अपने कदम पीछे कर लिया है और सरकार बनाने के लिए शिवसेना को आमंत्रित किया है।
बताया जा रहा है कि रविवार को राज्यपाल का ऑफर मिलने के बावजूद बीजेपी को कहना पड़ा कि वह अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती है। इसके बाद से वहां के समीकरण बदलने लगे। एनसीपी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने पर शर्त रख दी।
लोकसभा निवडणुकी आधी जागा वाटप आणि सत्ता वाटपाचा एक फॉर्म्युला ठरला होता. दोघांना तो मान्य होता.आता हा फॉर्म्युला नाकारून शिवसेनेला खोटे ठरवण्याचा प्रकार धक्कादायक तसेच महाराष्ट्राच्या स्वाभीमानास कलंक लावणारा आहे. खोटेपणाचा कळस करत महाराष्ट्रात भाजपाने फारकत घेतलीच आहे.. 1/2
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, शिवसेना को एनडीए से बाहर होना पड़ेगा और उसके मंत्री को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ेगा। पवार की इस शर्त को 24 घंटे भी नहीं बीते कि शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी। मालूम हो कि शिवसेना सांसद के पास भारी उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी है।
इससे पहले राज्यसभा सांसद और शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट किया था। जोकि बेहद शायराना अंदाज में था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘यदि रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी’।
रास्ते की परवाह करूँगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी………!
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 11, 2019
हालांकि इससे पहले उन्होंने अपने ट्वीट में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया था। उन्होंने कहा था कि जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है।