न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र की राजनीति में बीती सुबह बड़े उलटफेर ने राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा दिया। बीजेपी ने एनसीपी नेताअजित पवार के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इससे देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बना दिया।
इसके विरोध में विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। दायर की गयी याचिका में फडणवीस सरकार का 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।
उधर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी से बगावत करने के आरोप में भतीजे अजित पवार को पार्टी से निकाल दिया। इसके अलावा जयंत पाटिल को एनसीपी के विधायक दल का प्रभारी नेता बना दिया है। बताया जा रहा है कि बीती शाम को एनसीपी के जो 50 विधायक शरद पवार के साथ दिखे थे उनमें तीन विधायक और लापता हो गए हैं।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि अजित पवार समेत सात विधायकों से संपर्क नहीं है। बता दें कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को 30 नवंबर तक सदन में बहुमत साबित करना है।
वहीं, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी चाहती है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त का मौका किसी को न मिल पाए। शरद पवार ने एनसीपी के साथ 144 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है। जबकि अजित पवार के साथ सिर्फ दो से तीन विधायक होने की बात कही हैं। हालांकि, अचानक सरकार गठन का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है जहां रविवार 11.30 बजे सुनवाई होनी है।