स्पेशल डेस्क
कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। पीएम मोदी ने 21 दिन दिन के लॉकडाउन को आगे बढ़ाते हुए इसे तीन मई तक कर दिया है।
उधर पीएम मोदी की घोषणा के बाद मुम्बई में इसके उलट अफवाह उड़ी कि लॉकडाउन खत्म हो गया है। इसके बाद मुम्बई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एकाएक प्रवासी मजदूरों की भीड़ जमा हो गई। इसका नतीजा यह रहा कि लोगों ने खुलेआम लॉकडाउन की धज्जियां उठायी है।
इस भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ये लोग कितने बेचैन है। उनको कोरोना से ज्यादा भूख मार रही है। लोग अब भी अपने घरों में जाने के लिए बेचैन है और उन्हें लॉकडाउन के दौरान कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है।
लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों में अच्छा-खासा असंतोष है। दरअसल इन लोगों को बड़ी मुश्किल से एक वक्त का खाना नसीब हो रहा है। मुंबई के बांद्रा में प्रवासी मजदूरों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है।
इतना ही नहीं इनकी जेब एक पैसा नहीं है और ऐसे में अपने घर से दूर रहना अब इनके लिए आसान नहीं हो रहा है। अगर यही रहा तो लॉकडाउन लगाने का मकसद इन लोगों की वजह से विफल होने का डर भी सता रहा है।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना वायरस के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इस वजह से वहां की सरकार लॉकडाउन को सख्ती से पालन करने के लिए कह रही है लेकिन बांद्रा स्टेशन पर जो हुआ शायद सरकार की परेशानी को और बढ़ा सकता है।
प्रवासी मजदूरों की उमड़ी भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस बल भी मौके से गायब था। आलम तो यह रहा कि इस भीड़ को संभालना भी मुश्किल हो गया था।
जानकारी के मुताबिक कामगारों को किसी ने यह सूचना दे दी कि लॉकडाउन को खत्म कर दिया गया है और इस वजह से लोग स्टेशन जमा हो गए थे। हालांकि इन लोगों की शिकायत है कि उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए उन्हें उनके गांव तक भेजा जाए। वे घर जाने की इजाजत मांग रहे हैं।
यहां पर यूपी, बिहार से ज्यादा लोग मौजूद थे। काफी देर बाद पुलिस के आने के बाद मामला शांत हो सका और वहां से लोगों को हटाया जा सका। बता दें कि देश में कोरोना के मामले अब दस हजार से ज्यादा आ चुके हैं और अब भी यह कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।