न्यूज डेस्क
मुंबई ब्रिज हादसे के बाद अब रेलवे और बीएमसी के बीच ब्लेमगेम शुरू हो गया है। बीएमसी और रेलवे के बीच पुल की देखरेख को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। मुंबई पुलिस ने रेलवे और बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए के तहत एफआईआर दर्ज की है। ये केस आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
वहीं, हादसे से मरने वालों की संख्या छह हो गई, जिनमें तीन महिलाएं हैं। वहीं, इस हादसे में 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुख जताया है।
नहीं बख्शे जाएंगे दोषी
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सेंट जॉर्ज अस्पताल में जाकर घायलों से मिले। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा,
इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है ये शाम तक तय हो जाएगा। साथ ही सीएम ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 40 साल पुराने इस पुल के गिरने की जांच एक उच्चस्तरीय समिति करेगी।
मुआवजे का ऐलान
CST रेलवे स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज के रास्ते पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा हादसे के बाद सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान हो गया है। सीएम देवेन्द्र फड़णवीस ने मृतकों के परिजन के लिए पांच-पांच लाख रुपये देने का एलान किया है। घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, उनके इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।
पुल के गार्डर लगा था जंग
शुरुआती रिपोर्ट की मानें तो इस पुल का ऑडिट कुछ ही समय पहले हुआ था, जब अंधेरी में एक ब्रिज का हिस्सा गिरा था। ये पुल 1981 में बना था और तभी से बीएमसी के इंजीनियरों के जिम्मे था।
रोक सकते थे हादसा
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑडिट के बाद बीएमसी को कुछ सुधार करने को कहा गया था। लेकिन उसे ठीक नहीं किया गया था। अगर सुधार नहीं हुआ था तो ब्रिज को रोक सकते थे। बताया ये भी जा रहा है कि पुल के गार्डर पर जंग लगा हुआ था इसी वजह से पुल नीचे गिरा।
ऑडिट दल की बड़ी चूक
गौरतलब है कि एलफिस्टनआ पूल और अंधेरी में गोखले पुल गिरने के बाद बीएमसी, IIT- मुंबई और रेलवे मुंबई के कुल 445 FOB/ROB पुलों का साझा ऑडिट किया था। जिसमे कई पुलों को तोड़कर नए सिरे से बनाने का सुझाव दिया गया था। साथ ही कई पुलों को मरम्मत का सुझाव दिया दिया गया था। इनमें सीएसटी स्टेशन के पास गिरा ये पुल भी शामिल था। ऑडिट दल से इस पुल का ऑडिट सही से नहीं किया, जिसकी वजह से आज पुल गिरने से कई लोग घायल हुए और कुछ लोगों की जान गयी है। इस पुल का निर्माण वर्ष 1984 में हुआ था।
आरटीआई में खुलासा
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने मुंबई उपनगरीय रेल पटरियों के ऊपर कुल कितने FOB/ROB पुल है, उनका निर्माण कब हुआ, पुलों का निरिक्षण करने लिए कुल कितने पुल निरीक्षक है और पुल निरीक्षक के पास कितने पुल निरिक्षण करने की जिम्मेदारी है, इसको लेकर जानकारी मांगी थी।
इसके बाद मध्य रेलवे के सुचना अधिकारी एसके श्रीवास्तव ने बताया,
सीएसटी से कर्जत और कसारा के बीच कुल 71 ROB और 163 FOB है। पश्चिम रेलवे पर चर्चगेट से सूरत के बीच कुल 146 FOB है और कुल 46 ROB है। अलग से कोई पुल निरीक्षक नहीं है। कई पुल तो 200 सालो से ज्यादा पुराने है और जर्जर हालत में है।
बताया जा रहा है कि ऑडिटिंग में इस पुल को सर्टिफिकेट दिया गया। ऐसे में हादसे के बाद सवाल ऑडिटिंग पर उठने लगे है। इससे पहले भी हादसो के मामले सामने आ चुके है।
ऑडिट दल ने FOB/ROB को मरम्मत और तोड़ने का सुझाव की सूची:-
- येलो गेट FOB मस्जिद पूर्व
- एमके रोड चंदनवाड़ी FOB मरीन लाइंस
- एमके रोड चंदनवाड़ी FOB RLY मरीन लाइंस
- हंसा भुगरा मार्ग पाईप ब्रिज
- एसबीआई कॉलोनी, ब्रिज
- गांधी नगर कुरार गांव, ब्रिज
- वालभात नाला गोरेगांव, ब्रिज
- रामनगर चौक, दहिसर, ब्रिज
- विट्ठल मंदिर, दहिसर, ब्रिज
- एसव्हीपी रोड, दहिसर ब्रिज
- अकुर्ली रोड, दहिसर, ब्रिज
- हरी मस्जिद, साकीनाका, ब्रिज
- तिलक नगर, FOB RLY
- बर्वे नगर, घाटकोपर FOB
बताते चले कि दक्षिणी मुंबई में सीएसटी रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार शाम करीब 7 बजे फुट ओवर पुल का बड़ा हिस्सा ढह जाने से 6 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 33 लोक घायल हो गए। ब्रिज का बाकी हिस्से को भी गिरा दिया गया है।