Wednesday - 30 October 2024 - 4:05 AM

क्या उपचुनाव में अखिलेश-शिवपाल का होगा गठबंधन

न्‍यूज डेस्‍क

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की करारी हार के बाद मुलायम सिंह यादव लगातार एक्‍शन में हैं। यूपी में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी संरक्षक मुलायम अपने बेटे अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव के बीच रिश्तों को बहाल करने के लिए नए सिरे से प्रयास तेज कर दिए हैं।

इस कोशिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सपा को विधानसभा उपचुनाव तक का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक, बेटे और भाई शिवपाल के बीच मतभेद दूर करने की मुलायम सिंह की शुरुआती कोशिश कामयाब नहीं रही।

दरअसल, मुलायम सिंह की पहल पर पैतृक गांव सैफई में अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में शिवपाल ने सपा में अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के विलय से इनकार कर दिया था।

इसके बाद मुलायम परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि शिवपाल ने विधानसभा उपचुनाव में सपा और प्रसपा को मिलकर चुनाव लड़ने का विकल्प सुझाया है। इस घटनाक्रम से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सपा में प्रसपा के विलय की तत्काल संभावना से इनकार करते हुए बताया,

शिवपाल ने नेताजी से कहा है कि वह अकेले कोई फैसला नहीं कर सकते है। उन्हें इसके लिए प्रसपा के उन नेताओं से बात करनी होगी, जिन्होंने संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में साथ देकर पीएसपी को खड़ा किया है।’

सपा के एक सांसद ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से सुलह की कोशिशों के बीच मुलायम ने चाचा भतीजे को तत्काल एकजुट होने की जरूरत समझाते हुए आगाह किया है कि अगर अब नहीं संभले, तो फिर राजनीतिक भविष्य ठीक नहीं है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में सपा का जनाधार दरकने की वजह से पूरे परिवार की राजनीतिक विरासत पर संकट के बादल छा गए हैं। इसी बात को लेकर मुलायम सिंह ने पिछले हफ्ते शिवपाल को दिल्ली बुलाकर चर्चा की थी।

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माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में यादव वोटबैंक के बिखराव और अखिलेश का ‘सपा-बसपा गठबंधन’ प्रयोग नाकाम होने में प्रसपा की भूमिका अहम रही है। मुलायम सिंह ने इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए शिवपाल से पारिवारिक टकराव खत्म करने को कहा है

बता दें कि लोकसभा चुनावों के बाद शिवपाल यादव पर आरोप लगाए गए कि उन्होंने यादव वोटों को बांट दिया। इसकी वजह से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, भाई धर्मेंद्र और अक्षय यादव को हार का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि उपचुनाव में अगर शिवपाल और अखिलेश साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो उपचुनाव में दोनों को फायदा होगा।

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