न्यूज़ डेस्क
टीआरपी की चाह और खबर ब्रेक करने की चाहत में मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सही और गलत का फर्क करना भूल चुका है। किसी भी खबर के पीछे पड़ताल न करने की आदत ने फिलहाल एक दर्जन मीडिया संस्थानों की मुसीबत बढ़ा दी है। ताजा मामला तबलीगी जमात की खबर से जुड़ा है।जमात के मुखिया मौलाना साद की जगह कई बड़े अखबारों और चैनलों ने मौलाना सज्जाद की फोटो लगा दी है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील उर रहमान सज्जाद नोमानी ने करीब 18 मीडिया संस्थानो को मानहानि का दावा ठोका है। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के कई प्रतिष्ठित चैनलों ने मरकज़ जमात से जुड़े मामले में मरकज़ के मुखिया मौलाना साद की जगह मौलाना नोमानी की तस्वीर दिखाई है इसकी वजह से उनकी मानहानि और बदनामी हुई है।
इस मामले में नोमानी ने कहा कि इससे उन्हें गहरा आघात लगा है और उनकी जबरदस्त मानहानि हुई है। सभी मीडिया संस्थाएं बिना शर्त उनसे माफ़ी मांगे साथ ही अपने चैनल, अख़बार या पोर्टल पर इससे प्रसारित करें। साथ ही वे भविष्य में इस तरह की हरकत न करने का लिखित आश्वासन दें।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह न सिर्फ मानहानि की रकम की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे बल्कि इन मीडिया संस्थानों के लाइसेंस भी निरस्त कराने की कार्रवाई भी शुरू कराएंगे।
गौरतलब है कि दो अप्रैल को संबंधित विभिन्न मीडिया संस्थानों को लिखे खुले पत्र में कहा था कि वे अपनी इस गलती के लिए बिना शर्त माफी मांगें, नहीं तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने दावा किया था कि मरकज संबंधी विवाद उठने के बाद मीडिया में मौलाना साद के बजाय उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया
उन्होंने संबंधित मीडिया संस्थानों में से कुछ को फोन करके यह गलती सुधारने को कहा था लेकिन इसके बावजूद उनकी तस्वीर लगाकर मरकज से जुड़ी खबरें लगातार दिखाई जाती रही साथ ही कुछ अखबारों ने फोटो भी छापी है।