जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के चुनाव लड़ने को लेकर छाए संशय के बादल टल गए हैं. मुख्तार अंसारी की पारम्परिक सीट मऊ सदर से अब्बास अंसारी के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ़ हो गया है.
अब्बास अंसारी पर इल्जाम था कि उन्होंने अपने शपथपत्र में अपने शस्त्र लाइसेंस को लेकर झूठी जानकारी दी है. अब्बास के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि अब्बास अंसारी ने चार सेट में अपना नामांकन दाखिल किया था. जांच में आख़री दिन भरे गए उनके नामांकन के दो सेट सही पाए गए हैं और उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी गई है.
अब्बास और उमर अंसारी ने इस बार अपने पिता मुख्तार अंसारी के चुनाव का पूरा ज़िम्मा उठाने का फैसला किया था. अब्बास पिछले चुनाव में घोसी से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे मगर बीजेपी के फागू चौहान से चुनाव हार गए थे. इस बार मुख़्तार के बेटों ने तय किया था कि वह जेल में बंद अपने पिता का चुनाव प्रबंधन देखेंगे.
इसी बीच मुख्तार अंसारी ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया तो उनकी पारम्परिक सीट मऊ सदर से अब्बास अंसारी को ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से टिकट दे दिया. राजभर ने पहले मुख्तार अंसारी को टिकट देने का एलान किया था.
अब्बास अंसारी को चुनाव में घेरने के लिए बीजेपी और बीएसपी ने भी कमर कस ली थी मगर इसी बीच उनके दो शपथपत्रों में मिली गड़बड़ी के बाद उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय गहरा गया लेकिन अब चुनाव आयोग ने साफ़ कर दिया है कि उनके दो शपथपत्र सही पाए गए हैं और उन्हें चुनाव लड़ने की इजाज़त दे दी गई है.
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