जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ।अरसे से जेल में बंद उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का बुलावा शायद गुरुवार को ईश्वर की तरफ से आया और गुरुवार (28 मार्च) की रात बांदा मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पडऩे से वो हमेशा-हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया।
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। ये वही मुख्तार है जिसका नाम से हर कोई डरता था। अगर खौफ का दूसरा नाम मुख्तार अंसारी कहा जाये तो गलत नहीं होगा।
मुख्तार अंसारी का शुक्रवार दोपहर बांदा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार को सुबह दफनाया जायेगा।
इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है और उनके शव को गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद यूसुफपुर स्थित उनके पैतृक गांव लाया जा रहा है।
इसको लेकर करीब 26 गाडिय़ों के साथ-साथ उनके शव को गाजीपुर देर रात को पहुंच गया है और शनिवार की सुबह को उनको कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इसी कब्रिस्तान में मुख्तार के अम्मा-अबू भी कब्र है।
मुख्तार अंसारी और उसके परिवार के बीच हुई आखिरी बातचीत सामने आई है. मुख्तार अपने बेटे उमर अंसारी को फोन कॉल किया था। मुख्तार ने कहा, 16 मार्च से हम रोजा नहीं है। हम बेहोश हो जा रहे हैं. 2-4 दिन से बैठ भी नहीं पा रहे हैं। उमर ने कहा कि मैंने वीडियो में देखा, जब आप डिस्चार्ज हुए तब मीडिया मे चला।
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सज़ा काट रहे माफ़िया डॉन मुख़्तार अंसारी का गुरुवार शाम निधन हो गया। बांदा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुनील कौशल ने बताया कि अंसारी की मौत कार्डियेक अरेस्ट की वजह से हुई। उनके बेटे उमर अंसारी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने उनकी मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं।उमर अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “माननीय न्यायालय के समक्ष पिताजी ने लिखकर दिया कि उन्हें खाने में जहर मिलाया गया… क्या हो गया. तबीयत बिगड़ी, आईसीयू लाए गए बीमार थे. 12 घंटे के अंदर इतना प्रेशर बढ़ा कि डॉक्टर स्वतंत्र रूप से जांच भी नहीं कर पाए।