जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. विधानसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार ने जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज़म खां की ज़मानत को रद्द करने की अपील दाखिल की है वहीं बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहा किये जाने की अपील की है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने हाईकोर्ट से कहा है कि उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में रखा गया है. इस एक्ट में दस साल की सज़ा का प्राविधान है जबकि वह दस साल से ज्यादा समय जेल में काट चुके हैं. मुख्तार अंसारी की इस अपील को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब माँगा है.
जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ तमाम मुकदमे दर्ज हैं. इसलिए उन्हें रिहा नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. गैंगस्टर एक्ट में सिर्फ दस साल की सज़ा का ही प्राविधान है. इसके अलावा मुख्तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमें दर्ज हैं. 15 मुकदमें ट्रायल की स्टेज पर हैं. मुख्तार ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्याक्षीकरण याचिका दाखिल की है. इस मामले में जस्टिस सुधारानी ठाकुर और जस्टिस सुनीता अग्रवाल की पीठ 11 जनवरी को अगली सुनवाई करेगी.
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