- भरी अदालत में अनिल अंबानी करीब ढाई घंटे तक खड़े रहे
- एरिक्सन के वकील ने कहा कि बकाया राशि चुकाने तक अनिल अंबानी को हिरासत में लिया जाना चाहिए
- एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 550 करोड़ रुपये न चुकाने को लेकर अवमानना का आरोप लगाया
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी भले ही देश के सबसे अमीर शख्स हो लेकिन उनके छोटे भाई के हालात इन दिनों काफी खराब चल रहे है। देश के टॉप टेन अमीरों में शुमार मुकेश के छोटे भाई अदालत के अंदर घंटों खड़े रहे, लेकिन उनको बड़े भाई का सहारा बिलकुल नहीं मिला। एक तरफ छोटा भाई अपनी कंपनियों को बंद कर अपने को दिवालीया बता रहा है तो वहीं मुकेश दिनों- दिन अपने कारोबार को लेकर लोकप्रियता बढ़ा रहे है। मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। रिलायंस कॉम्युनिकेशंस को मुकेश अंबानी की कंपनी जियो को बेचने की कोशिश फेल हो गई है। खुद अनिल अंबानी ने इस बात की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को कल दी। इसके साथ ही अनिल अंबानी की कंपनी के संकट से उबरने की उम्मीद भी खत्म हो गई है।
ये है प्रमुख बातें
अनिल अंबानी ने पिता के 85वें जन्मदिन के मौके पर रिलायंस जियो को अपनी कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशन की टेलिकॉम एसेट्स बेचने का ऐलान किया था
आरकॉम पर 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और बीते 1 फरवरी को ही उन्होंने कंपनी को दिवालिया घोषित किए जाने की अपील की है
एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 550 करोड़ रुपये न चुकाने को लेकर अवमानना का आरोप लगाया
आपको बता दे कि अनिल अंबानी ने पिता धीरूभाई अंबानी के 85वें जन्मदिन के मौके पर रिलायंस जियो को अपनी कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशन की टेलिकॉम एसेट्स बेचने का ऐलान किया था। इससे कंपनी को 23,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी। अनिल अंबानी की नजर इस बात पर थी कि इसके जरिए वह कर्ज अदा कर सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
देश के लोगों को ये जानकर काफी हैरानी हो रही है कि अनिल अंबानी की कंपनी पर 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और 1 फरवरी को ही उन्होंने कंपनी को दिवालिया घोषित किए जाने की अपील भी की है। मंगलवार को एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये न चुकाने के मामले में खुद पेश हुए अनिल अंबानी ने इस बात की जानकारी दी। खचाखच भरे कोर्ट रूम में अनिल अंबानी करीब ढाई घंटे तक खड़े रहे।
एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 550 करोड़ रुपये न चुकाने को लेकर अवमानना का आरोप लगाया। एरिक्सन के वकील ने कहा कि बकाया राशि चुकाने तक अनिल अंबानी को हिरासत में लिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पर्सनल गारंटी ली थी।
इसलिए नहीं मिला बड़े भाई का सहारा
अनिल अंबानी की कंपनी की एसेट्स को खरीदने पर मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने सहमति जता दी थी। यह डील लगभग पक्की हो चुकी थी, जिससे अनिल अंबानी को 23,000 करोड़ रुपये मिलते। लेकिन, कंपनी पर बकाया राशि का जिम्मेदार कौन होगा, इस सवाल को लेकर डील टूट गई। जियो ने रिलायंस कॉम्युनिकेशंस की पिछली देनदारी की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने डील को मंजूरी देने के लिए देनदारी तय करने की शर्त रखी थी।
अंबानी के बचाव में थे कपिल
सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी का पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने जस्टिस आरएफ नरीमन और विनीत सरन की बेंच को बताया कि रिलायंस कॉम्युनिकेशंस की अपनी एसेट्स को बेचने की डील फेल हो गई है, ऐसे में उस पर एरिक्सन की बकाया राशि को चुकाने का दबाव नहीं बनाया जा सकता।