जुबिली स्पेशलत डेस्क
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी दफ्तर सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग से करीब 25 करोड़ का फर्नीचर और 12 हजार से ज्यादा अहम फाइलें एक झटके में जलकर खाक हो गई है।
इससे एक बात तो साफ हो गई है कि राज्य निदेशालय के लगभग 80 फीसदी दस्तावेज स्वाहा हो गए है। अच्छी बात ये रही कि इसमें किसी भी इंसान की जान नहीं गई क्योंकि वक्त रहते ही करीब एक हजार से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल लिया गया था।
इतना ही नहीं कोई भी आदमी घायल तक नहीं हुआ लेकिनइस इमारत में आग लगना सवालों के घेरे में क्योंकि इससे पहले दो बार आग लगी लेकिन वो या तो चुनाव खत्म होने के फौरन बाद या फिर उससे पहले। दरअसल 2018 में विधनसभा चुनाव के ठीक बाद और साल 2012 में चुनाव के पहले इसी भवन की तीसरी मंजिल आग लगी थी।
अब एक बार फिर तब आग लगी है जब चुनाव में सिर्फ चार महीने का वक्त ही बचा था। इस वजह से कांग्रेस पार्टी इसे साजिश के तौर पर देख रही है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने आग की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये आग सतपुड़ा भवन में ही क्यों लगती है। पटवारी ने दावा किया कि सरकार ने अपने भ्रष्टाचार के दस्तावेजों को जलाया है।
जीतू पटवारी ने कहा, “सतपुड़ा भवन में आज फिर आग लग गई. 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार ने अपने भ्रष्टाचार के दस्तावेजों को जला दिया। ये आग पहली बार नहीं लगी है, इससे पहले ये आग 18 सितंबर 2018 को लगी थी। ये आग सतपुड़ा भवन में ही क्यों लगती है। सर्वे जनता के पक्ष में है। जनता के बीच ये मैसेज है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है।”
वहीं बीजेपी ने इस पूरे मामले पर साफ किया है कि इस इमारत में कोई भी संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे। बता दें कि कल यानी सोमवार को सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर एयरकंडीशनर में हुए शॉर्ट सर्किट और आग लग गई। इसमें फर्नीचर समेत दस्तावेजों को ज्यादा नुकसान हुआ और जल के सबकुछ खाक हो गया।