प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर के बेटे आकाश किशोर जैबी का 19 अक्टूबर को असामयिक निधन हो गया था. आकाश सिर्फ 28 साल के थे.
जवान बेटे की मौत की वजह ज़रूरत से ज्यादा शराब का सेवन था. शराब पीने की वजह से उसका लीवर डैमेज हो गया था. आकाश अपने पीछे पत्नी के अलावा दो साल का बच्चा छोड़ गया.
जवान बेटे की मौत एक से बढ़कर एक ताकतवर लोगों को तोड़ देती है लेकिन कौशल किशोर ने अपने बेटे की मौत की वजह के खिलाफ जंग का एलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह आने वाली तीन दिसम्बर को लखनऊ में नशा मुक्ति आन्दोलन शुरू करेंगे.
इस नशा मुक्ति आन्दोलन के ज़रिये नशे के जाल में फंसी युवा पीढ़ी को बचाने की हर संभव कोशिश करेंगे. इसके लिए वह टास्क फ़ोर्स बनायेंगे. बड़ी संख्या में नौजवानों को इस मुहीम से जोड़ेंगे.
कौशल किशोर ने नशे के खिलाफ मुहीम चलाने से पहले बड़ी साफगोई से स्वीकार किया है कि उनका बेटा शराब का आदी हो गया था. उसे कई बार नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया गया. वह ठीक भी हो गया लेकिन जब मैं कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती था तब उसने फिर शराब पी ली जिसकी वजह से उसका लीवर डैमेज हो गया.
कौशल किशोर ने नशे के खिलाफ छेड़ी जाने वाली अपनी मुहीम सोशल मीडिया पर शेयर की है. उसे यहाँ ज्यों का त्यों दिया जा रहा है ताकि नशे के खिलाफ जंग का सन्देश दूर तक चला जाए.
मेरे बेटे आकाश किशोर उर्फ जेबी की मृत्यु चोरी छुपे शराब पीने से ज्वाइंडिस हो जाने से और लीवर डैमेज हो जाने के कारण 28 वर्ष की उम्र में विगत 19 अक्टूबर 2020 को हो गई. मेरा बेटा अपने पीछे अपनी पत्नी और एक 2 वर्षीय बच्चे को छोड़ गया है.
हमने पूरा प्रयास किया की बेटा आकाश किशोर नशा छोड़ दें, कई बार नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती भी कराया उसने नशा छोडा भी लेकिन कुछ लोग उसके पीछे लगे रहे. जब मै करोना पॉजिटिव होकर एडमिट हो गया तो फिर से उसने शराब पी ली जिसके कारण लिवर डैमेज हो गया और अंत में उसकी मृत्यु हो गई.
हम और हमारा पूरा परिवार बहुत आहत हैं. हमारे बच्चे पत्नी भाई और भतीजे बहुत ही दुखी हैं. हमने संकल्प लिया है की नई पीढ़ी के लड़कों को कोई न कोई तो पहली बार शराब पिलाता है नशा कराता है कोई भी अपने आप नशा नहीं करता उन्हें कोई न कोई नशा करने के लिए प्रेरित करता है. मेरा बेटा भी इसी का शिकार हुआ मैंने बहुत लोगों का नशा छुड़वा दिया शराब, बीड़ी, सिगरेट, मसाला छुड़वा दिया, लेकिन मेरा खुद का बेटा शराब नहीं छोड़ सका, मुझे इस बात की बहुत तकलीफ है.
इसलिए मैने निर्णय लिया है कि नई पीढ़ी के लोग नशे से बचें मेरे बेटे की तरह किसी दूसरे का बेटा या बेटी नशे का शिकार होकर कम उम्र में अपनी जान न गंवाये है इसलिए नई पीढ़ी को हमको नशे से बचाने के लिए आंदोलन करना पड़ेगा और इसके लिए हमने 3 दिसंबर 2020 को लखनऊ के गांधी भवन सभागार में प्रातः 11:00 बजे से एक नशा मुक्त समाज बनाने का आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है.
3 दिसंबर 2020 को एक हजार नवयुवक यह संकल्प लेंगे कि हम किसी भी प्रकार का नशा अपने जीवन में नहीं लेंगे और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को नशे से बचाने का काम करेंगे यह एक हजार नवयुवक हर महीने एक और युवक को अपने साथ जोड़ेंगे और उससे भी संकल्प कराएंगे कि वह अपने जीवन में किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेगा.
इसके लिए हमने निर्णय लिया है कि संकल्प लेते समय हम सौ रुपए संकल्प शुल्क भी जमा करायेंगे ताकि हम आंदोलन को देशव्यापी बना सके, और कुछ वर्षों में हम लोगों को नशा छोड़ने के लिए सोचने पर मजबूर कर देंगे यह हमारा संकल्प है. हम आपकी मदद चाहते हैं हम जानते हैं कि बहुत से परिवार नशे की वजह से बर्बाद हो गए हैं लोग बर्बाद हो गए हैं. लोगों की जानें चली गई हैं, लोगों के घर टूट गए हैं. बच्चे बेघर हो गए हैं. अनाथ हो गए हैं. स्थिति बहुत खराब है, सरकार नशाबंदी का कानून भले ले आए लेकिन जब तक पीने वाले लोग रहेंगे नशा करने वाले लोग रहेंगे तो चोरी छुपे ब्लैक मार्केटिंग में भी नशे को करते रहेंगे.
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जब तक समाज इसके लिए तैयार नहीं होगा तब तक नशा मुक्त समाज नहीं बन सकता. नशामुक्त भारत नहीं बन सकता, इसलिए इस मुहिम में हमारे साथ आप जुड़ने का कष्ट करें. मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि मेरे बेटे आकाश किशोर को नशे के कारण पीलिया हुई इसकी वजह से लीवर खराब हुआ जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. उसका 2 वर्ष का बच्चा बिन बाप का हो गया, उसकी पत्नी सौभाग्यवती से विधवा हो गई. हम लोगों ने अपना बेटा खोया उसके दोस्तों ने अपना मित्र खोया उसकी प्रतिभा एक बहुत मिलनसार थी. अब और किसी का बेटा किसी का पति किसी का भाई नशे की वजह से न मरे इसलिए इस आंदोलन में नशा मुक्त समाज बनाने में आप हमारा सहयोग करने का कष्ट करें.