जुबिली न्यूज डेस्क
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राज्य विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर खबरों की सुर्खियों में हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वो सूबे में होने वाले चुनाव में वो मतदाताओं को वीवीपीएटी (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियां भी सौंपे।
राज्यसभा सांसद सिंह ने मध्य प्रदेश में परीक्षण के दौरान ईवीएम के साथ हुई कथित छेड़छाड़ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को इस संबंध में चुनाव आयोग से एक्शन लेने की मांग की है।
चुनाव आयोग से किया ये अनुरोध
सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर किये एक पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग से हमारा केवल एक ही अनुरोध है कि कृपया वोटिंग के साथ हमें वीवीपैट पर्ची भी अलग से दें, जिसे हम एक गिनती से पहले अलग मतपेटी में रखेंगे। मतगणना के समय किसी भी 10 मतपेटी से वोटों की गिनती करके परिणामों के साथ उनका मिलान करें।”
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, “अगर काउंटिंग में दोनों का परिणाम समान है तभी काउंटिंग यूनिट के नतीजों को घोषित करना चाहिए। आखिर चुनाव आयोग को इससे क्या दिक्कत है? हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और देश में लोकतंत्र को बचाए।”
ईवीएम के जरिये वोटों की धांधली
दरअसल दिग्विजय सिहं, ईवीएम के जरिये वोटों की धांधली का आरोप यूट्यूब पर पोस्ट किये एक लिंक के आधार पर लगा रहे हैं, जिसमें दिखाया गया कि मध्य प्रदेश में ईवीएम के परीक्षण के दौरान केवल एक राजनीतिक दल की वीवीपैट पर्ची प्राप्त हो रही है। वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के आरोपों पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि जब भी कांग्रेस चुनावों में बुरी तरह हार रही होती है, तो दिग्विजय सिंह ईवीएम को दोष देना शुरू कर देते हैं।
भाजपा नेता अग्रवाल ने कहा, “जब भी कांग्रेस चुनावों में बुरी तरह हारती है, तो दिग्गी राजा ईवीएम को दोष देना शुरू कर देती है। सुप्रीम कोर्ट और ईसीआई में जाकर आरोप खारिज होने के बाद भी दिग्विजय सिंह जनता को गुमराह कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस हार रही है, इसलिए उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है।”
उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की 230 में से 150 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी। मालूम हो कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।