न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश कांग्रेस का गजब हाल है। कांग्रेसी नेता कब, क्या कर दें, अंदाजा लगा पाना मुश्किल हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ को विपक्ष से उतना खतरा नहीं है जितना खुद की पार्टी से हैं। अक्सर कांग्रेसी नेता उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर देते हैं, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जो किया है वह कमलनाथ को ताउम्र याद रहेगा।
18 नवंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ का जन्मदिन था। जाहिर है जन्मदिन था तो शुभकामनाएं भी उन्हें खूब मिली। लेकिन एमपी कांग्रेस ने उन्हें जिस तरह शुभकामनाएं दी है वह चर्चा का विषय बना हुआ है। कमलनाथ को भी उम्मीद रही होगी कि उनकी पार्टी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देगी।
कांग्रेस ने भी उनकी उम्मीद के मुताबिक अखबारों में शुभकामनाओं के साथ विज्ञापन दिया, लेकिन उसमें जो लिखा था उसकी उम्मीद मुख्यमंत्री कमलनाथ को कतई नहीं होगी।
दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सीएम कमलनाथ के जन्मदिन के विज्ञापन में उन बातों का जिक्र किया है जो अमूमन किसी के जन्मदिन पर तो हरगिज नहीं की जाती है। विज्ञापन में न सिर्फ कमलनाथ की राजनीतिक असफलताओं का जिक्र है बल्कि कुछ ऐसी विवादित बातें भी की गई हैं जो राजनीतिक भूचाल भी ला सकती हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के 73 वें जन्मदिन के मौके पर एमपी कांग्रेस कमेटी द्वारा अखबारों में दिए गए विज्ञापन से अब खुद ही कांग्रेस सवालों के घेरे में आ गई है। हर अख़बार को दिए फुल पेज के इस विज्ञापन में कमलनाथ के बारे में कुछ अहम बातें बताई गई हैं।
इस विज्ञापन में कांग्रेस कमेटी ने यह बताया है कि कैसे भाजपा के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा से उन्हें चुनाव में पटखनी मिली थी।
वहीं 1993 में उनके मुख्यमंत्री ना बन पाने की वजह अर्जुन सिंह को बताया गया है, क्योंकि अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था, जिसके कारण वह मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे।
इसके अलावा विज्ञापन में आपातकाल के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा एक जज से की गई लड़ाई का भी जिक्र किया गया है। जिसके चलते उन्हें 7 दिन के लिए तिहाड़ जेल जाना पड़ा था। जाहिर है एक मुख्यमंत्री के न्यायपालिका के जज लड़ाई की बात विज्ञापन में करना विवादों को जन्म देता है।
वहीं इस विवादित विज्ञापन पर विपक्षी दल बीजेपी जमकर चुटकी ले रही है। बीजेपी के पूर्व मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने इसे कांग्रेस की आपसी गुटबाजी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि यह विज्ञापन किस गुट ने जारी किया। डॉ. मिश्रा के मुताबिक यह गुटबाजी ही थी जिसके चलते विज्ञापन में उनके बारे में उनकी उपलब्धियों को दरकिनार कर उनके बारे में गलत चीजें पेश की गई हैं।
एक ओर बीजेपी इसे कांग्रेस की गुटबाजी कह रही है तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधायक कांतिलाल भूरिया ने इस विज्ञापन को भाजपा की साजिश बताया है।
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