जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में उपचुनाव के तैयारियों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियाँ जुटी हुई हैं. यह उपचुनाव दोनों ही पार्टियों के अस्तित्व से जुड़ा है. मध्य प्रदेश में उपचुनाव भी होना है और कोरोना का संकट भी सामने खड़ा है. साथ ही कोर्ट ने ने यह कहकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर दबाव बना दिया है कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन हर हाल में करना होगा.
ग्वालियर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह राजनीतिक प्रेशर की वजह से कोरोना गाइडलाइन का पालन करा पाने में पूरी तरह से फेल हुआ है. कोर्ट ने कहा है कि अब अगर कहीं इस आदेश का उल्लंघन होता है तो इसे कंटेम्पट ऑफ़ कोर्ट माना जाएगा.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि उपचुनाव को लेकर अगर कहीं भी 100 से ज्यादा लोग जुटते हैं तो सम्बंधित जिला प्रशासन को उस राजनीतिक दल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी होगी. कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर कहीं 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ देखता है तो वह कोर्ट को सूचित कर सकता है. कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रशासन तत्काल कार्रवाई नहीं करता है तो उस क्षेत्र के अधिकारी को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. तीन और 10 नवम्बर को मतदान होना है. चुनाव में समय क्योंकि बहुत कम है इसी वजह से राजनीतिक दल भी बहुत तेज़ी के साथ अपने प्रचार अभियान में जुट गए हैं. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है. हाईकोर्ट ने ऐसी शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन पर ज़िम्मेदारी तय कर दी है.
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हाईकोर्ट ने हालांकि कोरोना गाइडलाइन का पालन न होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है लेकिन इस अदालती आदेश के बाद असली मुश्किल राजनीतिक दलों की बढ़ी है. भीड़ का ध्यान रखते हुए चुनाव प्रचार होने से ज्यादा लोगों तक प्रत्याशी पहुँच नहीं पायेंगे और ज्यादा भीड़ बुलाने से कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन नहीं होने पर अदालती कार्रवाई का खतरा मंडराने लगा है.